पहला सौर ऊर्जा प्लांट पुलवामा में स्थापित, दस मेगावाट होगी उत्पादन क्षमता

Update: 2022-04-19 17:00 GMT

जम्मू-कश्मीर का पहला सौर ऊर्जा प्लांट पुलवामा जिले के पांपोर में स्थापित किया जा रहा है। दस मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले इस प्लांट के निर्माण का काम अगले माह शुरू हो जाएगा। लगभग 18 माह बाद इस प्लांट में बिजली का उत्पादन शुरू होने की संभावना है। इसके बाद सरकार अन्य अक्षय ऊर्जा प्लांट की संभावनाओं को तलाशने का काम शुरू करेगी। जम्मू-कश्मीर में फिलहाल सिर्फ पन बिजली का उत्पादन हो रहा है।

जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजा याकूब फारूक ने बताया कि पांपोर में थर्मल प्लांट बंद होने पर उसी जगह पर सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक देश में राजस्थान के बाद सौर ऊर्जा की क्षमता के मामले में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दूसरे नंबर पर है। राजस्थान में 142.31 गीगावाट (एक गीगावाट में एक हजार मेगावाट होता है) सौर ऊर्जा की क्षमता आंकी गई है।
वहीं, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 111.05 गीगावाट सौर ऊर्जा का दोहन संभव है। प्रदेश में पन बिजली उत्पादन की क्षमता बीस हजार मेगावाट आंकी गई है। इसमें से अभी तक सिर्फ बीस फीसदी क्षमता को ही हासिल किया जा सका है। प्रदेश सेक्टर की 21 पन बिजली परियोजनाओं में 1211 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। वहीं केंद्रीय सेक्टर की सात परियोजनाओं में 2009 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता अभी तक हासिल हुई है।
सौर ऊर्जा से हो सकेगी कार्बन रहित स्वच्छ बिजली की आपूर्ति
जम्मू-कश्मीर में सौर ऊर्जा का दस मेगावाट का प्लांट स्थापित होने के बाद कार्बन रहित स्वच्छ बिजली की आपूर्ति हो पाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र शासित जम्मू- कश्मीर के पड़ोसी प्रदेश लद्दाख में सौर ऊर्जा की सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं। लद्दाख में अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लेह स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद और सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया 50 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं।
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