ड्रेस कोड वाला पहला सरकारी स्कूल, टीचर भी आते है यूनिफॉर्म में

Update: 2022-07-11 03:34 GMT

बिहार। बिहार के गया में नक्सल प्रभावित बांके बाजार प्रखंड से एक मामला सामने आया है. यहां के एक सरकारी स्कूल में छात्रों के साथ शिक्षक भी यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल आते हैं. स्कूल के प्रिंसिपल नागेश्वर दास ने बताया कि, उन्होंने अपने निजी फंड से शिक्षकों, गार्डों और रसोइयों के लिए यूनिफॉर्म (School Uniform) का पहले सेट बनवाया है. इस स्कूल में बच्चे जहां नेवी ब्लू शर्ट और ब्लू पैंट में दिखाई दिए तो शिक्षक गुलाबी रंग की शर्ट और नीले रंग की पैंट में स्कूल आते हैं, वहीं महिला स्टाफ को हरे रंग की साड़ी में स्कूल आना होता है.

आमतौर पर प्राइवेट स्कूलों में यह नियम देखने को मिलता है, लेकिन बिहार के गया का यह स्कूल चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि, नागेश्वर दास ने कहा, हमने स्कूल के सभी शिक्षकों, गार्डों और रसोइयों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में तय किया गया कि सिर्फ छात्र ही नहीं बल्कि, स्कूल का हर स्टाफ यूनिफॉर्म पहन कर आएगा. इसके बाद मैंने अपने निजी फंड से यूनिफार्म का पहला सेट उपलब्ध कराने का फैसला किया.

बिहार के गया में स्थित इस स्कूल में हली कक्षा से लेकर 10वीं तक के सभी बच्चे तो ड्रेस में आते ही थे लेकिन एक दिन निर्णय लिया गया कि अब शिक्षक भी एक ही जैसे ड्रेस में आएंगे. सभी शिक्षक अब एक ड्रेस में आते हैं. इस स्कूल में कुल 13 शिक्षक और शिक्षिकाएं हैं. इसके अलावा पांच रसोइयां, शिक्षा सेवक, रात्रि प्रहरी आदि सभी को ड्रेस कोड दिया गया है. सभी उसी ड्रेस कोड में स्कूल आते हैं. प्रिंसिपल नागेश्वर दास कहते हैं कि शिक्षकों और छात्रों में समानता का भाव विकसित करने के लिए यह फैसला लिया गया है. सरकारी स्कूल में ड्रेस कोड का अनुपालन कर पूरे जिले में यह पहला स्कूल बना है.

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