दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर ‘लैंडफिल’ साइट (कचरा एकत्र करने का स्थान) पर 21 अप्रैल की शाम को भीषण आग लग गई. आग बुझाने के लिए करीब नौ दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गाजीपुर और भलस्वा जैसे प्रमुख लैंडफिल साइट्स में आग लगना कोई नई बात नहीं है. हर साल जब गर्मी का मौसम आता है और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है, तो लैंडफिल साइट नरक में तब्दील हो जाती है. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और एमसीडी में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह कल गाजीपुर लैंडफिल साइट का दौरा करेंगे.
दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने कहा, 'हमें शाम पांच बजकर 22 मिनट पर आग लगने की सूचना मिली. दो दमकल गाड़ियों को आग बुझाने के काम पर लगाया गया. आग बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं. स्थानीय पुलिस को सूचित कर दिया गया है.'
दिल्ली नगर निगम (MCD) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश की जा रही है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उसने पिछले साल 31 दिसंबर तक गाजीपुर लैंडफिल स्थल को खाली कराने का वादा किया था, लेकिन अपना वादा पूरा नहीं किया. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने एक बयान में कहा कि लैंडफिल स्थल पर आग लगने के परिणामस्वरूप पूरे क्षेत्र में धुआं फैल गया है, जिससे निवासियों और व्यवसायों को असुविधा हो रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2022 के एमसीडी चुनाव से पहले 31 दिसंबर, 2023 तक इस लैंडफिल स्थल को खाली करने का वादा किया था, लेकिन कचरा हटाने के बजाय यहां और अधिक कचरा डाल दिया गया. वर्ष 2019 में गाजीपुर लैंडफिल स्थल की ऊंचाई 65 मीटर थी, जो कुतुब मीनार से केवल आठ मीटर कम थी.