लखनऊ (आईएएनएस)| लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने गोमती नगर में सरकारी जमीन के कथित फर्जी बिक्री दस्तावेज को लेकर तीन क्लर्क समेत 19 लोगों के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज कराई है। चारों संपत्तियों की कीमत तीन करोड़ रुपये से अधिक है।
एलडीए के अतिरिक्त सचिव मधवेश कुमार द्वारा रामानंद राम, आलोक नाथ और कुलदीप कुमार के रूप में पहचाने गए आरोपी क्लर्कों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
अन्य आरोपियों में रितु अग्रवाल, गिरजा प्रसाद यादव, विजय कुमार, शेष मणि, तारा देवी, नीरज सिंह, इंद्रजीत कुमार, शिव कुमार, मोहम्मद वसीम, हरि बहादुर सिंह, विजय पाल सिंह, विनय सिंह, संतराम मौर्य, जीत बहादुर, नितिन कटियार और भगवती प्रसाद शामिल हैं।
सभी पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी, बेईमानी से संपत्ति का वितरण करने के लिए प्रेरित करना और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, तीनों क्लर्कों ने प्रापर्टी डीलरों से मिलीभगत कर सरकारी जमीन उन लोगों को बेच दी, जिन्हें अपना घर बनाने की जरूरत थी।
अधिकारी ने कहा, प्रॉपर्टी सर्किल रेट से कम कीमत पर बेची गई। क्लर्कों ने न केवल फर्जी दस्तावेज तैयार करने में मदद की, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के साथ एलडीए ऑनलाइन सिस्टम को अपडेट भी किया।
आरोपी क्लर्कों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए आंतरिक जांच शुरु कर दी गई है।