टेक्निकल एक्सपर्ट पर दर्ज FIR रद्द, लगा था रेप की धमकी देने का आरोप
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मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को क्रिकेट विराट कोहली की बेटी के लिए यौन टिप्पणी करने वाले शख्स के खिलाफ दायर FIR और चार्जशीट को खारिज कर दिया है. शख्स हैदराबाद का रहने वाला एक तकनीकि विशेषज्ञ (Techie) है. आरोप था कि इसी युवक ने भारत-पाक टी-20 फाइनल में हार के बाद विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा की बेटी के खिलाफ ट्विटर हैंडल पर यौन टिप्पणी (रेप की धमकी) दी थी. अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाने के लिए शिकायतकर्ता की ओर से एक सहमति हलफनामा दायर किया गया, जिसके आधार पर इस मामले को निरस्त किया गया. मामले की शिकायत एक्विलिया नॉर्मन डिसूजा ने की थी, जो इस स्टार जोड़ी के मैनेजर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले नवंबर 2021 में आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. इसी महीने मजिस्ट्रेट अदालत ने उसे जमानत दी थी. जमानत के आधार के लिए अदालत ने कहा था कि आरोपी पर प्रथम दृष्टया आईटी अधिनियम की धारा 67 बी के तहत मामला नहीं बनता है.
बता दें कि धारा 67बी (IT Act 2000) के तहत, काम वासना भड़काने वाली क्रियाओं आदि में बच्चों को चित्रित करने वाली सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित करने के लिए सजा का प्रावधान है. अदालत ने कहा था कि इस व्याख्या के आधार पर आरोपी पर मामला नहीं बनता है. जमानत दिए जाने के बाद, आरोपी ने 2022 में मामले को ही रद्द करने की एक याचिका दायर की थी, जहां जून 2022 में पुलिस को नोटिस जारी किया गया था, और फिर इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई की गई. जमानत दिए जाने के बाद, आरोपी ने 2022 में एक रद्द करने की याचिका दायर की, जहां जून 2022 में पुलिस को नोटिस जारी किया गया था, और आखिरकार सोमवार को ही इस पर सुनवाई हुई.
इस मामले में यह भी कहा गया था कि, ट्वीट वायरल होने के बाद ही हटा दिया गया था, जिससे पता चलता है कि आरोपी के आईपी एड्रेस का दुरुपयोग हुआ होगा, ताकि उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए समस्या पैदा हो. इसके साथ ही मामले में हैकिंग की आशंका भी जताई गई थी. आरोपी ने अपनी याचिका में कहा था कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह सभी शर्तों के पालन के लिए तैयार है. इसी दौरान उसने अपनी आंखों की मेडिकल समस्या भी सामने रखी थी. आरोपी ने कहा कि वह मेधावी जेईई रैंक होल्डर है और यह मामला उसके भविष्य की संभावनाओं को प्रभावित करेगा. हालांकि इस मामले में पारित किया गया विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है.