10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज, अश्लील मैसेज से जुड़े मामले में हुई कार्रवाई
जानिए क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के बस्ती में युवती के इनकार पर परिवार के ऊपर कई एफआईआर करने वाले आशिक मिजाज दरोगा को गिरफ्तार कर लिया गया है। दरोगा को पहले ही निलंबित किया जा चुका था। इसके साथ ही लापरवाही बरतने के आरोप में सीओ गिरीश सिंह को भी निलंबित किया जा चुका है। मामले में 10 पुलिसकर्मियों समेत 12 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। एसपी तक का तबादला हो चुका है। नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के पोखरभिटवा गांव निवासी युवती 31 मार्च 2020 को अपनी दादी की दवा लेने के लिए घर से निकली थी। सानूपार चौकी पर तैनात दरोगा दीपक सिंह ने उसे रोका और कागजात चेकिंग के बहाने उसका मोबाइल नंबर ले लिया। उसी दिन से आरोपी दरोगा उसके नंबर पर कॉल करने लगा। साथ ही अश्लील बातें करने लगा। लड़की ने बात करने से इंकार किया तो दरोगा ने उसके भाई के खिलाफ जानलेवा हमला, बंधक बनाने व पिस्टल छीनने का केस दर्ज करा दिया। इस केस में लड़की के भाइयों, बहन व अन्य का नाम भी शामिल किया गया। आरोप है कि एक साल के भीतर कुल 8 केस उसके परिजनों पर दर्ज हुए।
पीड़िता ने दरोगा के खिलाफ एसपी से शिकायत की तो जांच का कोरम पूरा किया गया और क्लीन चिट दे दी गई। पीड़िता ने राज्य महिला आयोग अध्यक्ष से मुलाकात कर जांच व कार्रवाई की मांग की। इसके बाद शासन स्तर से एडीजी को जांच दी गई। एडीजी की जांच के बाद ही कार्रवाई शुरू हुई है।कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रामपाल यादव, तत्कालीन चौकी इंचार्ज दीपक सिंह को निलंबित कर दिया गया। प्रकरण में उचित कार्रवाई न करने पर एसपी हेमराज मीणा को भी हटा दिया गया। उनके स्थान पर आशीष श्रीवास्तव को बस्ती का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। रविवार को अपर पुलिस अधीक्षक रवींद्र सिंह का भी तबादला कर दिया गया।
पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने मुख्य आरोपित दरोगा दीपक सिंह, उसके भाई दरोगा राजन सिंह, पूर्व कोतवाल रामपाल यादव, पूर्व महिला थाना प्रभारी शीला यादव, दरोगा अभिषेक सिंह, कानूनगो सतीश, लेखपाल शालिनी सिंह, सिपाही पवन कुशवाहा, आलोक कुमार, संजय कुमार, दीक्षा यादव, नीलम सिंह पर केस दर्ज किया गया है। एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि नामजद पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है।