रांची। झारखंड में कोरोना से जंग में पीछे भागने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स पर कार्रवाई शुरू हो गई है. रांची जिला प्रशासन ने ऐसे दो महिला डॉक्टर्स (Doctors) पर प्राथमिकी दर्ज कराई है. डॉ. कीर्ति और डॉ. पूर्णिमा बेक पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 56 के अंतर्गत केस दर्ज की गई है. इन दोनों की तैनाती रांची सदर अस्पताल स्थित डिस्ट्रिक्ट कोविड हेल्थ सेन्टर में गई थी, लेकिन दोनों डॉक्टरों ने योगदान देने से इनकार कर दिया. लिहाजा इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.
डॉ. कीर्ति त्रिपाठी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिठोरिया और डॉ. पूर्णिमा बेक बालसिरिंग वेलनेस सेंटर में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर थीं. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से इन्हें रांची सदर अस्पताल के डिस्ट्रिक्ट कोविड सेन्टर में प्रतिनियुक्त किया गया था. लेकिन दोनों डॉक्टरों ने योगदान नहीं दिया. और कार्य करने में असमर्थता जताई. प्रशासन की ओर से नोटिस जारी कर इनसे जवाब मांगा गया. जवाब संतोषजनक नहीं रहने पर इनके खिलाफ केस दर्ज की गई है.
दरअसल प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद रांची सदर अस्पताल में व्यवस्था चरमरा हुई है. अस्पताल में सुविधाओं के घाेर अभाव के कारण कोरोना मरीजों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नर्स के सहारे सदर अस्पताल चल रहा है. सुचारू व्यवस्था नहीं होने के कारण परिजन मरीज को लेकर अन्यत्र जा रहे हैं. डॉक्टर की जगह नर्स ही मरीजों को देख रही हैं. आईसीयू में सिर्फ एक डॉक्टर हैं. अस्पताल के थर्ड फ्लोर में सिर्फ 2 नर्स हैं. यहां नर्स और डॉक्टर की भारी कमी है.