रूसी और यूक्रेन की सेना में भीषण जंग जारी: भारतीयों को निकालने के लिए चलाया जाएगा ऑपरेशन, उड़ानों का खर्च उठाएगी मोदी सरकार
नई दिल्ली: यूक्रेन में रूस के हमले के बीच वहां फंसे नागरिकों के लिए राहत भरी खबर है। भारत सरकार उन्हें सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में CCS (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) की बैठक में यह फैसला हुआ है। सभी विशेष उड़ानों का खर्च सरकारी उठाएगी। यूक्रेन में हजारों की संख्या में मेडिकल स्टूडेंट्स और अन्य नागरिक फंसे हुए हैं। टीवी रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि यूक्रेन से लगे पड़ोसी देशों में सड़क मार्ग के रास्ते भारतीय नागरिकों को पहुंचाया जाएगा। वहां से उन्हें प्लेन के जरिए स्वदेश लाया जाएगा।
फिलहाल, यूक्रेन के पड़ोसी देशों में संभावनाएं देखी जा रही हैं। रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि यूक्रेन में करीब 16,000 हजार भारतीय फंसे हैं, जो युद्ध के समय बंकरों में रह रहे हैं। एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीसीएस की बैठक की थी। भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को आश्वस्त किया है कि छात्रों सहित यूक्रेन से सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित एवं सही-सलामत वापस लाने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।
यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स ने बताया है कि उन्हें सायरन की आवाज सुनते ही बंकरों में जाना होता है। वहां फंसे लोग डरे हुए हैं। इधर भारत में उनके घर वाले टेंशन में हैं। कुछ स्टूडेंट्स ने अगले कुछ दिनों में टिकट बुक करा रखे थे लेकिन अब उनका आना कैंसल हो गया है।
एक दिन पहले विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में कहा कि पूर्वी यूरोप के इस देश में भारतीयों की सुरक्षा और वहां से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल कर लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। विदेश सचिव ने बताया, 'प्रधानमंत्री मोदी ने सीसीएस की बैठक में कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता भारतीयों की सुरक्षा और यूक्रेन से उन्हें बाहर निकालना है।' उन्होंने बताया कि इस विषय पर भारत इससे जुड़े विभिन्न पक्षों के संपर्क में है।