होटल में लगी भीषण आग, इतने लाख का हुआ नुकसान

जानिए क्या है पूरा मामला

Update: 2023-04-21 17:00 GMT
तोपचांची। जीटी रोड पर गुरुवार 20 अप्रैल को आधी रात के वक्त होटल में लगी भीषण आग में लाखों रुपये की संपत्ति जल कर खाक हो गयी, जबकि होटल में पार्टी मना रहे लगभग दो सौ लोगों ने किसी प्रकार भाग कर अपनी जान बचाई. आग की लपट ने निकटस्थ पेट्रोल पंप को भी अपने आगोश में लेने की विफल कोशिश की. खबर पाते ही इलाके के सैकड़ों लोग जान की परवाह किये बिना आग बुझाने में पिल पड़े. घटना के एक घंटे बाद अग्निशमन दस्ता पहुंचा. जानकारी के अनुसार तोपचांची थाना क्षेत्र अंतर्गत नेशनल हाईवे पर स्थित शान-ए-पंजाब होटल के किचन में रात को अचानक गैस पाइप से रिसाव शुरू हो गया और फिर देखते ही देखते होटल लहक उठा. अचानक आग और उसकी भयावह लपटें देख जिसे जिधर मौका मिला, भाग निकले. होटल में अफरातफरी का माहौल बन गया.
आग की तेज लपटें देख हर कोई डर गया. हालांकि होटल कर्मियों तथा ग्रामीणों की सूझबूझ से करीब आधा घंटे से ज्यादा मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया. ग्रामीणों ने बताया कि आग की लपटें काफी तेज उठ रही थी. किचन में रखें गैस सिलेंडर की आवाज होने के बाद लोग डर से पीछे की ओर भाग गए. आग की तेज लपटें देख हर कोई डर गया. हालांकि होटल कर्मियों तथा ग्रामीणों की सूझबूझ से करीब आधा घंटे से ज्यादा मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया. ग्रामीणों ने बताया कि आग की लपटें काफी तेज उठ रही थी. किचन में रखें गैस सिलेंडर की आवाज होने के बाद लोग डर से पीछे की ओर भाग गए. होटल के निकट पेट्रोल पंप होने के कारण एक बड़े हादसे का अंदेशा था, जो टल गया. अगर आग की दहकती लपटों पर सही समय पर काबू नहीं पाया गया होता तो होटल के सटी सभी चीजों को जला का राख कर देता. अगल-बगल की दुकानें भी चपेट में आ जाती.
आग की तेज लपट को देखकर लोगों ने फायर ब्रिगेड से संपर्क किया. परंतु फायर ब्रिगेड की 2 गाड़ी करीब 1 घंटे लेट से पहुंची. होटल तब तक कर्मियों व ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया था. बुझी हुई आग को पूरी तरह से बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची. घटना स्थल पर फायर सेफ्टी आफिसर लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि सूचना मिलते ही घटना स्थल पर पहुंचे. लेकिन होटल कर्मियों ने अपनी सुझबुझ से आग पर काबू पा लिया. किसी के जान जाने की कोई खबर नहीं है. परंतु होटल संचालक का काफी सामान जलकर राख हो गया है. निरीक्षण के दौरान होटल में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं पाई गई. नेशनल हाईवे पर दर्जनों छोटे-बड़े होटल एवं प्रतिष्ठान हैं, लेकिन कहीं फायर सेफ्टी की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अगर इन होटलों एवं प्रतिष्ठानों अगलगी जैसे घटना होती है तो उनसे कैसे निपटेंगे.
तोपचांची जैसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से धनबाद जिला मुख्यालय का दूरी लगभग 30 किलोमीटर है. अगलगी की घटना में इतनी दूर से फायर ब्रिगेड की टीम को पहुंचने में काफी समय लग जाता है. जिला प्रशासन एवं फायर ब्रिगेड की टीम की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में आगलगी जैसी घटना से निपटने के लिए कोई व्यवस्था हो तो इन क्षेत्रों में जान-माल के नुकसान को रोका जा सकता है. दिलचस्प बात तो यह है कि धनबाद जिला प्रशासन एवं फायर ब्रिगेड के टीम की ओर से फायर सुरक्षा सप्ताह स्कूलों, कालेजों तथा अन्य जगहों पर चलाया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों व कालेजों में फायर सुरक्षा के बारे में बताया जाता है. परंतु आगलगी के दौरान फायर ब्रिगेड की गाड़ी की व्यवस्था नहीं होने व दूर से दमकल गाड़ी पहुंचने में विलंब से जान-माल की बड़ी क्षति होती है. जरूरत है ग्रामीणों क्षेत्रों में फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की.
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