महिला स्नैक कैचर: अब तक 100 से ज्यादा सांपों को पकड़ा, यास तूफान के बाद सबसे जहरीले सांप करैत को ऐसे बचाया
यास तूफान के बाद आई बाढ़ ने इंसान के साथ-साथ सांपों को भी अपने घर से बाहर आने पर मजबूर कर दिया है. झारखंड में जमशेदपुर की स्नेक टीम ने गुरुवार को एक 6 फ़ीट का अजगर, 7 फ़ीट का धामिन के साथ सबसे जहरीले सांप करैत का भी रेस्क्यू किया और शुक्रवार को जंगल में छोड़ा है.
जमशेदपुर में छोटू श्रीवास्तव स्नेक सेवर टीम की महिला स्नेक सेवर रजनी लाहल सांपों को इंसान से और इंसानों को सांपों से बचाने का काम कर रही है. इस तूफान और फिर बाढ़ में सांपों का निकलना सामान्य बात है लेकिन इन सांपों को इंसान से बचाना और इंसान को सांपों से बचने का काम यह टीम कर रही है.रजनी लाहल ने एक दिन में ही दो-दो सांपों को पकड़ा और शुक्रवार को सांपों को पकड़ कर जंगलों में छोड़ दिया है.
स्नेक कैचर टीम ने बताया कि बाढ़ का पानी सांपों के बिल में घुसता है, तब वो जान बचाने के लिये बाहर आता है.
स्नैक सेवर छोटू ने बताया कि हमको बगबेड़ा थाने से फ़ोन आया था कि बाढ़ के पानी के कारण एक बड़ा अजगर सांप दिखा है. हमने रात को ही इसको रेस्कयू किया और अभी सुबह डिमना के जंगलों में लाकर छोड़ा है जिसकी लंबाई करीबन 6 फ़ीट है. एक करैत सांप भी पकड़ा है जो सबसे जहरीला होता है, उसको भी आज छोड़ा है.
महिला स्नैक कैचर रजनी ने बताया कि हमने सन 2019 से सांपों को पकड़ना शुरू किया है और अब तक करीबन 100 से अधिक सांपों को पकड़ कर जंगलो में छोड़ा है.
रजनी ने बताया कि टीम में कुल 8 लोग हैं, उनमें से हम ही एक महिला हैं. बचपन से ही हमको सांप पकड़ने का शौक था. हमको डर नहीं लगता है. जहां से भी सांप निकलने की खबर आती है, हम निकल पड़ते हैं और सांप को बचा कर जंगल में छोड़ आते हैं.
रजनी ने बताया कि हमारे घर में हमारे सिवा एक बेटी है और पति हैं. बेटी जॉब करती है और पति टीवी बनाते हैं. गुरुवार को साइक्लोन के बाद जमशेदपुर शहर के निचले इलाकों में पानी भर आया तो सांपों का बिल से निकलना शुरू हो गया है.
हमको सूचना मिली कि मानगो के एक घर में दो धामिन सांप जिसकी लंबाई करीबन 8 फ़ीट है, निकला है. हमने तुरंत वहां जाना जरूरी समझा. वहां जाकर देखा तो लोग सांप मारना चाहते थे. हमने उन लोगों से सांप को बचाया और उसे पकड़कर आज जंगल में छोड़ रहे हैं. सांपों को पकड़ना काफी अच्छा लगता है.