बदनामी के डर से युवक ने की खुदकुशी करने की कोशिश, महिला ने लगाई थी झूठा आरोप
रस्सी टूटने पर बची जान
झारखंड। छेड़खानी के आरोप और पंचायती में 91 हजार रुपये पीड़िता को देने के फरमान से आहत डंडई गांव निवासी युवक आनंद प्रजापति ने फांसी के फंदे से झूलकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इस दौरान फंदे की रस्सी टूटकर गिरने की वजह से उसकी जान बच गई। उसे गंभीर स्थिति में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जाता है कि घटना गुरुवार रात की है। गंभीर स्थिति में युवक को प्रखंड मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में परिजनों ने भर्ती कराया। चार घंटे बाद उसकी स्थिति में सुधार आया है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि आनंद पर एक महिला ने छेड़खानी का आरोप लगाया था।
मामले में गुरुवार को हरिजन टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में ग्रामीणों की पंचायती हुई थी। उसमें दो दर्जन से भी अधिक ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर मामले में सुनवाई की। इसी दौरान महिला ने उसकी चप्पल से पिटाई कर दी थी। उस दौरान भी उसपर 91 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाकर राशि को पीड़िता को सौंपने का फरमान सुनाया गया था। उक्त राशि के भुगतान के लिए उसे चार घंटे की मोहलत दी गई। आनंद ने इसके लिए एक हफ्ते की मोहलत की मांगी लेकिन पंचायती कर रहे लोगों ने एक न सुनी। इसके बाद वह जमीन की बिक्री के लिए गांव में ही ग्राहक खोजने लगा। जब उसकी जमीन के लिए कोई ग्राहक नहीं मिला, तो उसने खुदकुशी करने का निर्णय ले लिया।
रात में जब घर के लोग सो गए तो वह फांसी के फंदे पर लटक गया। आनंद ने बताया कि पंचों के निर्णय को पूरा करने में जब वह असफल रहा हो उसने आत्महत्या करने का निर्णय लिया। न वह रहेगा न ही उसे दंड की राशि का भुगतान करना पड़ेगा। उसने बताया कि उसपर छेड़खानी का लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। प्रजापति ने बताया कि होलिका दहन के दिन वह घर लौट रहा था। उसी क्रम में महिला ने हंगामा शुरू किया। बिना सोचे समझे ग्रामीणों ने उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद महिला ने झूठी शिकायत दर्ज कराई। उसकी शिकायत पर उसे हिरासत में लिया गया पर जांच के बाद उसे छोड़ दिया गया। थाना प्रभारी सुनील पटेल ने बताया कि महिला की ओर से युवक पर लगाए गए छेड़खानी के आरोप की जांच में पुष्टि नहीं हुई।