डेल्टा+ से तीसरी लहर के खतरे का अंदेशा...भारत में मिले अब तक 22 मरीज...केंद्र सरकार ने 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित किया
वैरिएंट ऑफ कंसर्न!
कोरोना वायरस के नए 'डेल्टा प्लस वैरिएंट' को केंद्र सरकार ने 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' यानी चिंताजनक घोषित कर दिया है. सरकारी सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है. डेल्टा प्लस वैरिएंट को कोरोना की तीसरी लहर के लिए खतरा माना जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक 22 मरीज मिल चुके हैं.
भारत में दूसरी लहर के लिए 'डेल्टा' वैरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है. दूसरी लहर में भारत में कितनी तबाही मची, ये हम सबने देखी है. 'डेल्टा प्लस' उसी वैरिएंट का नया रूप है. जब डेल्टा वैरिएंट से इतनी तबाही मच चुकी है तो डेल्टा प्लस तो उसका ही नया रूप है. एक्सपर्ट भी चिंता जता चुके हैं कि अगर भारत में कोरोना की तीसरी लहर आई तो इसके लिए डेल्टा प्लस वैरिएंट जिम्मेदार होगा.
बेहद संक्रामक है डेल्टा प्लस वैरिएंट
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने इंडिया टुडे से बातचीत में डेल्टा प्लस को वैरिएंट 'बेहद संक्रामक' बताया है. उनका कहना है कि "ये इतना संक्रामक है कि अगर आप इस वैरिएंट से संक्रमित किसी कोरोना मरीज के बगल से बगैर मास्क के गुजरते हैं तो आप भी संक्रमित हो सकते हैं." उनका कहना है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है. उनका ये भी कहना है कि अब इस बारे में पता लगाया जा रहा है कि वैक्सीन इस वैरिएंट के खिलाफ असरदार है या नहीं.
डॉ. गुलेरिया का कहना है कि भारत में अभी इस वैरिएंट का प्रसार सीमित है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस समेत दूसरे वैरिएंट के मद्देनजर अगले 6 से 8 हफ्ते बेहद महत्वपूर्ण हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन और कोविशील्ड असरदार है और वैक्सीनेशन के बाद अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है.
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देश में अब तक 22 मरीज मिल चुके
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक 22 मरीज मिल चुके हैं. मंत्रालय ने इसे लेकर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को पत्र भी लिखा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट 80 देशों में और डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत के अलावा 9 देशों में है. अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, चीन, नेपाल, रूस और जापान में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट मिले हैं.
वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि मंगलवार तक राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट के तीन मरीज मिल चुके हैं. उन्होंने स्टडी के हवाले से बताया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट ज्यादा संक्रामक नहीं है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि स्टडी में सामने आया है कि ये वैरिएंट देश में तीसरी लहर का कारण नहीं हो सकता.
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क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट?
अब बात करते हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट की. यह डेल्टा वैरिएंट के रूप में हुए बदलावों की वजह से बना है. डेल्टा वैरिएंट यानी B.1.617.2 जो कि पहले भारत में मिला था. फिर बाद के महीनों में यह दूसरे कई देशों में भी पाया गया. कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट में इसके स्पाइक प्रोटीन में K417N बदलाव हुआ है. डेल्टा प्लस वैरिएंट को पहले B.1.617.2.1 कहा जाता था. यह सबसे पहली बार यूरोप में मिला था. स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस का जरूरी हिस्सा है. इसकी वजह से ही वायरस मानव शरीर में घुसकर इंफेक्शन करता है.