महिला को अपने जाल में फंसाने पिता करता था ये काम, नाराज बेटा-बेटी ने उठाया खौफनाक कदम
पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
आगरा में चित्राहट के गांव नाहिका पुरा में पूर्व प्रधान पुत्र सुनील की हत्या किसी रंजिश में नहीं हुई थी। बल्कि सगे बेटा-बेटी ने ही पिता की हत्या का तानाबाना बुना था। वे नहीं चाहते थे कि पिता अय्याशी के लिए जमीन बेचे। उन्होंने इसका विरोध किया था। जब बात नहीं बनी तो बेटी ने अपने आशिक से पिता को मारने के लिए कहा। आशिक ने दोस्त की मदद से सुनील को मार डाला। हत्या का नामजद मुकदमा लिखाया गया। ताकि पुलिस ज्यादा जांच नहीं करे। मंगलवार को पुलिस ने इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा किया। बेटा-बेटी समेत चार आरोपियों को जेल भेजा गया है। गांव नाहिका पुरा निवासी पूर्व प्रधान पुत्र सुनील की 26 मार्च को सिर में डंडे से प्रहार करके हत्या की गई थी। बेटे अनुज ने गांव के अनवर के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस को बताया कि अनवर से कुछ दिन पूर्व उसका झगड़ा भी हुआ था। पुलिस ने अनवर को पकड़ा। उससे हर तरह से पूछताछ की गई। अनवर ने कहा कि फांसी पर चढ़ा दो झूठ नहीं बोल रहा है। पुलिस ने मामले की बारीकी से छानबीन शुरू की। पता चला कि सुनील अय्याश था। वह महिला को अपने जाल में फंसाने के लिए पैसा बर्बाद किया करता था। इस कारण उसके घर में भी क्लेश होती थी।
हाल ही में उसने अपनी छह बीघा जमीन का भी सौदा किया था। इस बात पर बेटे अनुज और बेटी अल्पना का पिता से झगड़ा हुआ था। पुलिस ने बेटा-बेटी को शक के घेरे में लिया। उनके बारे में छानबीन की तो पता चला कि अल्पना की दोस्ती चित्राहट के सूरजनगर निवासी संजेश से है। पुलिस ने घटना की रात संजेश की लोकेशन का पता किया। उसकी लोकेशन घटना स्थल पर ही थी। इसके बाद पुलिस ने अल्पना, अनुज और संजेश को पकड़ लिया। पूछताछ में संजेश ने अपने दोस्त मदन यादव का नाम बताया। पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया। एसपी क्राइम मायाराम वर्मा ने बताया कि मदन और संजेश दोस्त हैं। अल्पना और उसके भाई अनुज ने पिता की हत्या की योजना बनाई। अल्पना ने अपने दोस्त संजेश से इस घटना को अंजाम देने के लिए कहा। संजेश अकेले यह काम नहीं कर सकता था। उसने अपने दोस्त मदन यादव को साथ लिया। घटना की रात मदन और संजेश आए थे। चारपाई के पाय से सुनील के सिर पर ताबड़तोड़ प्रहार किए थे। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चारपाई का पाया भी बरामद किया है।
हत्यारोपियों ने पुलिस को बताया कि सुनील को बचाव का मौका तक नहीं दिया। सोते समय ही हमला बोल दिया था। तब तक सिर पर प्रहार किए जब तक यह यकीन नहीं हो गया कि वह मर गया है। इंस्पेक्टर बाह विनोद कुमार, सर्विलांस प्रभारी नरेंद्र कुमार, एसओ चित्राहाट महेंद्र भदौरिया के प्रयास से एक निर्दोष जेल जाने से बच गया। अनवर को हत्या के मुकदमे में नाजमद किया गया था। पुलिस इस मामले में गहराई से छानबीन शुरू नहीं करती तो अनवर का जेल जाना तय था। अनवर का कहना है कि उसे नई जिंदगी मिली है। हत्या जैसे गंभीर अपराध में उसे फंसाया गया था। पुलिस ने वास्तव में सराहनीय काम किया है।