बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा में मंगलवार शाम एक सनसनीखेज मामला सामने आया. अपने ही बेटे के कत्ल के इल्जाम में 18 वर्ष जेल की सजा काटकर घर लौटे पिता ने खुद को अवैध तमंचे से गोली मार ली. उसकी मौके पर मौत हो गई. परिजनों के मुताबिक, सजा काटकर लौटने के बाद वह मानसिक तनाव में रहता था, जिस कारण उन्होंने वारदात को अंजाम दिया.
कमासिन थाना के मनकहड़ी गांव के रहने वाले 65 वर्षीय वीरेंद्र यादव को बेटे की हत्या के इल्जाम में सजा सुनाई गई थी और 18 साल की सजा काट नैनी जेल से कुछ दिन पहले लौटे हैं. परिजनों के मुताबिक, जेल से लौटने के बाद हमेशा मानसिक तनाव में रहते थे. मंगलवार शाम खेत की तरफ गए थे. ग्रामीणों ने खेत में गोली की आवाज सुनी तो दौड़ पड़े.
ग्रामीणों ने देखा कि खेतों के बीच महुआ के पेड़ के नीचे शव पड़ा हुआ था. मौके पर तमंचा भी पड़ा हुआ था. तत्काल पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने घटनास्थल से एक अवैध तमंचा, 2 ज़िंदा कारतूस व एक खोखा बरामद किया है. बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
परिजनों के मुताबिक, वीरेंद्र की 2 शादियां हुई थी. पहली पत्नी की मौत के एक साल बाद उसने दूसरी शादी की थी. पहली पत्नी का एक बेटा और दूसरी पत्नी की एक बेटी और 2 बेटा हैं. बताया जा रहा है कि पहली पत्नी का बेटा बड़ा होकर जायजाद में अपना हिस्सा मांग रहा था. नाराज होकर 2005 में पिता वीरेंद्र ने अपने पहली पत्नी के बेटे को गोली मार दी थी.
पुलिस ने कुछ ही दिनों बाद उसे गिरफ्त में लेकर जेल भेज दिया था. पुलिस द्वारा सबूत पेश करने के बाद कोर्ट ने उसे साल 2006 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. तब से वीरेंद्र जेल में था और कुछ ही दिन पहले छूटकर गांव आया था. ग्रामीण बताते हैं कि अपने किए कार्य को लेकर पछतावा किया करता था और मानसिक तनाव में था.
SHO कमासिन उमेश कुमार सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मनकहड़ी गांव से सूचना मिली कि एक व्यक्ति ने अपने आप को गोली मार ली है. मौके पर पहुंचने पर हमने पाया कि वीरेंद्र यादव ने 315 बोर अवैध तमंचे से गोली मारकर आत्महत्या कर ली. मृतक के पास से तमंचा और कारतूस बरामद हुआ है. शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. मृतक वीरेंद्र खुद के बेटे की हत्या में करीब 18 वर्ष सजा काटकर घर लौटा था और मानसिक रूप से परेशान था. इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है.