श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस (NC) ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया है, लेकिन पुलिस ने इस दावे को खारिज कर दिया है। एनसी ने कहा कि उसके अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को अनुच्छेद 370 के निरस्त करने की तीसरी वर्षगांठ पर पार्टी मुख्यालय में एक बैठक की अध्यक्षता करने के कुछ घंटों बाद नजरबंद कर दिया गया था।
एनसी ने अपने आधिकारिक हैंडल पर ट्वीट किया, "डॉ. फारूक अब्दुल्ला को नवाई-सुभा से लौटने के बाद घर में नजरबंद रखा गया है, जहां उन्होंने पहले एक बैठक की अध्यक्षता की थी और कहा था कि 'हम 5 अगस्त, 2019 को अवैध रूप से, असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक रूप से छीन लिए गए अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक लड़ेंगे।"
नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी पुष्टि की थी कि उनके घर के बाहर एक ट्रक रखा गया था, जहां उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला दोनों रहते हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "ऐसा लगता है कि उन्हें किसी मजबूरी में इस ट्रक को गेट के बाहर रखना पड़ा होगा। यह एक मूर्खतापूर्ण कार्य है। पूरी तरह से अवैध है। वह दफ्तर गए, नमाज पढ़ने गए, शोक मनाने गए इस बीच ट्रक आ गया, क्योंकि उनके पास आज जाने के लिए और कोई जगह नहीं थी। मूर्ख!"
वहीं, पुलिस के प्रवक्ता का कहना है, "एक फर्जी खबर चल रही है कि कुछ एनसी और पीडीपी नेताओं को गुप्कर रोड में नजरबंद कर दिया गया है। यह खबर पूरी तरह से निराधार है।" पुलिस प्रवक्ता ने कहा, "आतंकवादी हमले के कुछ इनपुट के मद्देनजर गुप्कर रोड पर कुछ स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था।"
पुलिस ने कहा, "महबूबा मुफ्ती ने दोपहर के समय अपने पार्टी मुख्यालय का दौरा किया और डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने दोपहर में शालीमार में हजरतबल दरगाह और उनके दोस्त का दौरा किया। मीडिया मित्रों को सलाह दी जाती है कि वे (उन्हें) प्रसारित करने से पहले अधिकारियों से समाचार सत्यापित करें। जेकेपी पूरी तरह से पेशेवर पुलिस बल है और अपने कर्तव्यों से अच्छी तरह वाकिफ है।"
पुलिस प्रवक्ता ने अब्दुल्ला और मुफ्ती के आवासों के बाहर की ताजा तस्वीरें भी पोस्ट कीं जिनमें सुरक्षा वाहनों की मौजूदगी नहीं दिखी।