किसान जंतर-मंतर पर संसद में शामिल होने से पहले इस तरह करते हैं तैयारी
देश में संसद की कार्यवाही भले ही विपक्ष के हंगामें के भेंट चढ़ रही हो लेकिन 'किसानों की संसद' में हर दिन न केवल बहस हो रही बल्कि सरकार के खिलाफ जमकर प्रस्ताव पास हो रहे हैं।
देश में संसद की कार्यवाही भले ही विपक्ष के हंगामें के भेंट चढ़ रही हो लेकिन 'किसानों की संसद' में हर दिन न केवल बहस हो रही बल्कि सरकार के खिलाफ जमकर प्रस्ताव पास हो रहे हैं। किसान संसद में शामिल होने से पहले किसान बकायदा प्रश्नकाल और संसद की कार्यवाही के तौर तरीके सीखते हैं। वहीं शांत रहकर कैसे सदन में ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी बात उठा सके इसका भी उदारहण पेश कर रहे हैं।
रोज किसानों को बताए जाते हैं नियम
जैसा कि किसान संगठनों ने तय किया है कि जंतर-मंतर पर सजने वाली किसान संसद में हर दिन 200 नए किसान हिस्सा लेंगे। ये संसद अपने तय समय सुबह 11 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक चलेगी। इसमें किसानों से जुड़े मुद्दों को तरजीह दी जा रही है। प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने से पहले किसानों को संसद की कार्यवाही के बारे में समझाया जाता है।
किसानों को ये समझाया जाता है कि शुरुआत के पहले घंटे 11 से 12 तक प्रश्नकाल के दौरान किसान नए कृषि कानून की खामियां रखेंगे और बताएंगे कि मोदी सरकार के ये नए कानून आम किसानों के खिलाफ क्यों है। इसके बाद कृषि कानूनों पर चर्चा होगी। जिसमें सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पास किए जाएंगे। वहीं इस दौरान किसानों को ये भी बताया जाता है कि अगर किसी को संसद से बाहर जाना है तो वह चुपचाप बिना शोर शराबे के निकल जाए और फिर से अपनी जगह पर आकर बैठ जाए। वहीं, चलती कार्यवाही के दौरान पास बैठे सदस्य से चर्चा नहीं करने का अनुशासन भी बताया जा रहा है।
स्पीकर और डिप्टी स्पीकर की बात सबसे अहम
किसान संसद में हिस्सा लेने आए 200 किसानों में से ही रोज दो या तीन वरिष्ठ किसानों को स्पीकर और डिप्टी स्पीकर चुना जाता है। हर दिन किसान संसद में चर्चा के दो सत्र होते हैं। पहले सत्र में एक स्पीकर और डिप्टी स्पीकर कार्यवाही का संचालन करते हैं। वहीं लंच के बाद होने वाले सत्र में दूसरे स्पीकर और डिप्टी स्पीकर कार्यवाही को चलाते हैं। किसान संसद के दोनों सत्र में कितने किसान सदस्य बोलेंगे ये हर स्पीकर और डिप्टी स्पीकर तय करते हैं। इस दौरान हर सदस्य को बोलने के लिए पांच से सात मिनट ही दिए जाते हैं ताकि सभी 200 किसानों को मौका दिया जा सके। हर दिन संसद में सरकार के खिलाफ करीब चार प्रस्ताव भी पेश किए जा रहे हैं।
शुरुआत और समापन 'भारत माता की जय' और राष्ट्रगान से
दिल्ली की सीमा से जैसे ही किसानों का जत्था जंतर-मंतर पहुंचता है, सभी किसान प्रदर्शन स्थल पर जमा होते हैं। किसान संसद की कार्यवाही शुरु करने से पहले और समाप्त करने से पहले सामूहिक राष्ट्रगान का आयोजन किया जाता है। इसके बाद दिनभर की चर्चा के लिए एजेंडा तय किया जाता है। स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चयन के बाद कार्यवाही शुरु होती है। शाम को सभी सदस्यों को बताया जाता है कि एक दिन में चर्चा में कितने लोगों ने हिस्सा लिया और कितने प्रस्ताव पास किए गए। इसके बाद किसान संसद की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी जाती है।