गुमला। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) समर्थित भरनो ब्लाक 4एस4आर किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड (एफपीओ) के सदस्यों को कृषि उपकरण दिया गया। कार्यक्रम का आयोजन गुमला के भरना प्रखंड सह अंचल कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर बीएयू के निदेशालय अनुसंधान तहत संचालित आईसीएआर-एआईसीआरपी मुल्लार्प टीएसपी परियोजना के अधीन 32 एफपीओ सदस्यों को सीड ड्रील, नैपसैक स्प्रयेर एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली दिया गया। सह परियोजना अन्वेंषक (एफपीओ) डॉ बीके झा ने बताया कि एफपीओ के कार्यों को पूरे देश में सराहना मिल रही है। कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह के मार्गदर्शन में गुमला जिले में एफपीओ स्थापित किया गया है। इसके सफल कार्यों को देखते हुए गुमला जिले के भरनो ब्लाक 4 एस 4आर एफपीसी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक देवी चरण गोप को लाल किले में आयोजित 77वे स्वतंत्रता दिवस में भागीदारी का अवसर मिला। परियोजना अन्वेंषक (आईसीएआर – दलहन) डॉ सीएस महतो ने बताया कि सीड ड्रील मशीन से खेतों में नमी का फायदा उठाते हुए रबी दलहनी, तेलहनी एवं गेहूं की खेती आसानी से की जा सकती। क्षेत्र में उरद, मूंग, मटर, चना एवं अरहर की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि कार्य में उपयोगी उपकरण का वितरण किया जा रहा है। स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के उचित उपयोग से किसान कम सिंचाई में भी बेहतर फसल उगा सकते हैं।
मौके पर आईसीएआर-एआईसीआरपी (अरहर) के परियोजना अन्वेंषक डॉ नीरज कुमार ने बताया कि वर्तमान विषम मौसम की स्थिति में किसान टांड़ भूमि के खाली खेतों में देर से बोई जाने वाली लंबी अवधि की उन्नत प्रभेदों जैसे बिरसा अरहर-1, आईपीए-15-2 और आईपीए-203 आदि की खेती कर सकते हैं। बढ़िया उपज के लिए इस खेती में बीज की अधिक मात्रा का उपयोग और कतार से कतार बोआई की दूरी अधिक रखनी होगी। डॉ नीरज ने बताया कि झारखंड की मुख्य दलहनी फसल अरहर है। इसकी खेती में गुणवत्ता वाली सही बीज का विशेष महत्व है। जिले के 90 किसानों के खेतों में अरहर के उन्नत प्रभेदों का अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण कराया गया है। उन्होंने सभी लाभुक किसानों से फसल कटाई के उपरांत अरहर के प्राप्त शुद्ध बीज को सहेज कर रखने की सलाह दी, ताकि इस सही एवं शुद्ध बीज से जिले में आगामी मौसम में अरहर फसल का आच्छादन बढाया जा सके। कार्यक्रम का संचालन परियोजना समन्यवयक (एफपीओ) अभिषेक श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने कहा कि भरनो प्रखंड में कार्यरत एफपीओ से 395 किसान जुड़े हैं। इसके 350 किसान शेयर धारक है। इस एफपीओ का ई-नाम, ब्लाक चैन एवं जीएसटी में निबंधन कराया गया है। इसे बीज एवं उर्वरक का लाइसेंस भी मिल गया है। इसके द्वारा हाल में करीब 2 लाख मूल्य के धान बीज बिक्री किया गया। किसानों ने करीब 3.50 लाख शेयर राशि एकत्रित की है। इस एफपीओ के माध्यम से गुमला जिले में मुख्यतः हरी मिर्च की खेती को बढ़ावा दिया जायेगा। मौके पर एमके श्रीवास्तव, बिपिन कुमार, बबन सिंह, सकलेंन चौधरी, डॉ जगदीश सिंह, डॉ अविनाश कुमार झा, दशरथ उरांव, तेज कुमार हांसदा, प्रवीण कुमार, राम कृष्ण ओहदार, शशि शमा खलखो, अनूप कुमार गुप्ता आदि सहित अनेकों एफपीओ सदस्य और किसान मौजूद थे।