प्रसिद्ध साहित्यकार का निधन

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Update: 2021-11-28 13:13 GMT

पूर्व भारतीय राजनयिक और प्रसिद्ध जो (नस्ली समूह) साहित्यकार एल कीवोम (L Keivom) का लंबी बीमारी के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक अस्पताल में रविवार को निधन हो गया है. वह 82 साल के थे. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि कीवोम का स्वास्थ्य से जुड़ी बहुत सी जटिलताओं के चलते जून से इलाज चल रहा था. बाद में उनमें कैंसर का पता चला, जिसके बाद से वह बिस्तर पर ही रहे. उन्होंने बताया कि राजधानी दिल्ली स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर कीवोम ने अंतिम सांस ली है.

चिन-कुकी-मिजो-जोमी समूह के वंशज 'जो हन्नाथलक' (Zoram Khawvel Pa) के एकीकरण की दिशा में उनके योगदान के लिए कीवोम को उनकी उत्कृष्ट कृति 'जोराम ख्वावेल' के बाद 'जोरम ख्वावेल पा' उपनाम दिया गया था. मणिपुर के चुरचंद्रपुर जिले (अब फेरजल) में कीवोम का जन्म 1939 में हुआ था. वह हमार जनजाति से थे, जो चिन-कुकी-मिजो-जोमी समूह की प्रमुख जनजातियों में से एक थी. चिन-कुकी-मिजो-जोमी समूह (Chin-Kuki-Mizo-Zomi Group) के वंशज 'जो हन्नाथलक' के एकीकरण की दिशा में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा.

जानकारी के मुताबिक, एल कीवोम ने डीएम कॉलेज, इंफाल (1963) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और गौहाटी विश्वविद्यालय (1966) से मास्टर डिग्री (इतिहास) हासिल की (Former Diplomat L Keivom). वह 1967 में भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क) से जुड़े. बाद में वह 1970 में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में शामिल हो गए और एक भारतीय राजनयिक के रूप में अपने 32 साल के कार्यकाल के दौरान इटली और न्यूजीलैंड सहित कम से कम छह देशों में कार्यभार संभाला. वह 2002 में सेवानिवृत हो गए थे.


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