दिल्ली पुलिस की एयरपोर्ट यूनिट ने एक फर्जी वीजा/पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए इस रैकेट के मास्टरमाइंड समेत 99 लोगों को गिरफ्तार किया है. एयरपोर्ट यूनिट की स्पेशल ड्राइव के चलते इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ हुआ. बता दें कि ये ड्राइव साल 2020 में शुरू हुई थी और इस साल अगस्त तक 99 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जो फर्जी वीजा रैकेट में शामिल थे. दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड मेहबूब खान नाम का शख्स है. पुलिस ने मेहबूब खान, महेश कुमार और सैफ बरी नाम के शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. दरअसल वसीम, उस्मान, तनवीर और सलमान ये चारों शारजाह होते हुए अर्मेनिया के येरवान से फ्लाइट नम्बर G9-467 से आए थे. ये लोग आईजीआई एयरपोर्ट से 24 अगस्त को फ्लाइट नंबर G9-464 से अर्मेनिया के लिए निकले थे. येरवान एयरपोर्ट पर इन लोगों को वीजा चेक करने के लिए रोका गया तो पता चला कि इनका वीजा फर्जी है. तभी इस मामले की शिकायत इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को दी गई और इन चारों यात्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
डीसीपी एयरपोर्ट विक्रम पोरवाल ने बताया कि पूछताछ में इन चारों ने खुलासा किया कि अर्मेनिया का फर्जी वीजा सैफ नाम के एक एजेंट ने डेढ़ लाख रुपये में दिलवाया था. इसके बाद पुलिस की टीम ने सैफ की तलाश शुरू की और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. जब सैफ से पूछताछ हुई तो पता चला कि इसमें महेश नाम का एक शख्स शामिल है जो कि गुरुग्राम का रहने वाला है. उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया. अब महेश से पूछताछ शुरू की गई. महेश ने बताया कि वो तैमूर नगर में टिकट एजेंट के तौर पर काम करता था. इसी बीच उसकी मुलाकात मेहबूब खान से हुई और मेहबूब खान ही इस फर्जी वीजा रैकेट का मास्टमाइंड है. उसे ये फर्जी ई-वीजा महबूब खान नाम के एक एजेंट ने दिए थे. महबूब खान को भी पुलिस ने महेश की निशानदेही पर गिरफ्तार कर लिया है.
डीसीपी एयरपोर्ट विक्रम पोरवाल की मानें तो आरोपी एजेंट महबूब खान ऐसे लोगों की पहचान करता था, जो विदेश जाना चाहते थे. उन्हें कहा जाता था कि पासपोर्ट और वीजा आसानी से मिल जाएगा. शिकार को जाल में फंसाने के बाद महबूब उस शख्स की डिटेल्स महेश और सेफ को भेजता था ताकि फर्जी वीजा तैयार किया जा सके. पुलिस के मुताबिक इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड मेहबूब खान है. इसी के कहने पर सारे एजेंट्स काम करते थे. दरअसल, साल 2020 में आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने स्पेशल ड्राइव की शुरुआत करते हुए फर्जी वीजा रैकेट चलाने वाले 55 लोगों को अलग-अलग केस में गिरफ्तार किया था. इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए साल 2021 में 31 अगस्त 2021 तक 44 और एजेंट्स के साथ ही मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया है. कुल 99 लोग अब तक गिरफ्तार हो चुके है. वहीं पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया, फोन कॉल्स औके ई-मेल के जरिए पासपोर्ट वीजा दिलाने वाले एजेंट्स से सावधान रहें और अगर कोई जल्द पासपोर्ट या वीजा दिलाने का वादा करके पैसो की मांग करे तो पुलिस से इसकी शिकायत करें.