फर्जी नर्सिंग होम का भंडाफोड़: ना तो डॉक्टर के पास था डिग्री और हॉस्पिटल का लाइसेंस, मारपीट के बाद हुआ खुलासा
गया. जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र में एक नर्सिंग होम के कर्मचारियों और मरीज के परिजनों के बीच मारपीट हुई. दरअसल, पैसे की लेनदेन को लेकर मरीज को नर्सिंग होम से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद ही यह मारपीट हुई. मामला फतेहपुर-पहाड़पुर सड़क मार्ग का है. यहां के प्रखंड कार्यालय के सामने एक ग्रामीण चिकित्सक का नर्सिंग होम है. यहां पैसे की लेनदेन को लेकर मरीज के परिजनों के साथ नर्सिंग होम के कर्मियों ने मारपीट की और मरीज को नर्सिंग होम से बाहर निकाल दिया. इस मामले में मरीज के परिजन ने स्थानीय थाने को सूचना दी, जिसके बाद स्थानीय फतेहपुर थाना की पुलिस, सीओ और सीएचसी प्रभारी क्लीनिक पर पहुंचे और क्लीनिक को सील कर दिया जबकि डॉक्टर को हिरासत में लिया गया है. इस ग्रामीण डॉक्टर के पास किसी तरह की कोई डिग्री भी नहीं मिली. वह अवैध रूप से क्लीनिक को संचालन कर रहा था.
बताया गया कि फतेहपुर प्रखंड के मतासो गांव के रहने वाले सुरेंन मांझी को सांस लेने में दिक्कत होने पर 3 दिन पहले यहां भर्ती कराया गया था. 3 दिन में डॉक्टर ने 90 हजार की डिमांड की, जबकि 70 हजार रुपये डॉक्टर को दिए गए थे. डॉक्टर 20 हजार रुपये ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर मांग रहा था. तब मरीज के परिजन बीरेंद्र मांझी ने डॉक्टर को बताया कि 3 दिन पहले उसने अपने भाई को यहां भर्ती कराया था, इस दौरान उसने 70 हजार रुपये जमा कराएं हैं. लेकिन डॉक्टर के द्वारा और पैसे की डिमांड की की जा रही थी. इसके बाद पैसे नहीं देने का आरोप लगाते हुए मरीज को क्लीनिक से बाहर कर दिया गया. इस घटना के बाद जब मरीज का परिजन डॉक्टर से पूछने गया तो उसने अपने कंपाउंडर से लाठी-डंडे से उसे पिटवाया.
फतेहपुर के सीओ अशोक कुमार ने बताया कि मरीज के परिजन से ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर 20 हजार की डिमांड की जा रही थी. उसके साथ मारपीट भी की गई है, जिसकी शिकायत मिलने के बाद वे वहां पहुंचे और छानबीन की तो पता चला कि एसएन दास के पास कोई डिग्री भी नहीं है और वह बिना लाइसेंस क्लीनिक रहा है. तब हमने डॉक्टर को हिरासत में लिया है और आगे की जांच की जा रही है.