2015 का नकली नोट मामला, विशेष एनआईए अदालत ने सुनाया ये फैसला

10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

Update: 2023-06-09 02:55 GMT

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नई दिल्ली (आईएएनएस)| मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत ने ठाणे जाली (नकली) नोट मामले में दो बांग्लादेशी नागरिकों को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने बांग्लादेश के खुलना के रहने वाले दो आरोपियों अब्दुल्ला शैकदर और नजमुल हसन पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं और यूए(पी) अधिनियम की धारा 16 के तहत 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश से खरीदे गए 4.08 लाख रुपये के नकली नोट महाराष्ट्र में प्रसारित किए जा रहे थे। क्राइम ब्रांच की एंटी-नार्कोटिक सेल द्वारा साझा की गई विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर शुरुआत में ठाणे सिटी पुलिस ने साल 2015 में मामला दर्ज किया गया था।
एनआईए की जांच से पता चला है कि शैकदर पांच अन्य आरोपियों की मदद से ठाणे जिले के विभिन्न हिस्सों में उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोटों का धंधा कर रहा था। शैकदर के दो साथी नजमुल और मोहम्मद सोबुज मोतुर खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी आरोपी खुलना के निवासी हैं।
पुलिस ने आरोपियों की तलाशी के दौरान एक हजार रुपये के 40 नकली नोट बरामद किए। बाद में टीम ने उसके घर पर तलाशी अभियान चलाया, जहां से एक हजार रुपये के 364 नकली नोट और बरामद हुए, जबकि मामले में तीन गवाहों के पास से भी इसी तरह के चार नोट जब्त किए गए।
बाद में जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। जांच के दौरान एनआईए ने पूरी साजिश का पता लगाने के लिए गवाहों के बयान दर्ज किए, मोबाइल रिकॉर्ड की जांच की और अन्य दस्तावेजी सबूत एकत्र किए।
आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था और तीन वर्षो से अधिक समय तक मुकदमे चलने के बाद दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया।
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