फेक करेंसी रैकेट का भंडाफोड़, 60 रु के असली करेंसी के बदले देते थे 100 रु की नकली करेंसी

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Update: 2021-08-22 15:27 GMT

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार को फेक इंडियन करेंसी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इससे जुड़े दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि इस रैकेट की लिंक पाकिस्तान से है. इस पूरे सिंडिकेट के दुबई में बैठा शख्स चला रहा था. पुलिस के मुताबिक, फेक इंडियन करेंसी रैकेट के मामले में दो आरोपियों मोहम्मद जाकिर और कामरे आलम को गिरफ्तार किया गया है. जाकिर दिल्ली का है, जबकि आलम यूपी से है. ये दोनों 60 रु के असली करेंसी के बदले 100 रु की नकली करेंसी देते थे.

दुबई में बैठा सारिक चला रहा था सिंडिकेट

इस सिंडिकेट को दुबई में रहने वाले सारिक सता चला रहा था. सता की पाकिस्तानी लिंक भी है. वह वह NSA समेत 50 से अधिक मामलों में शामिल है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 लाख के नोट बरामद किए हैं. ये सभी नोट नकली हैं और 100 ओर 200 के नोट हैं. पूछताछ में पता चला कि दुबई का रहने वाला सारिक इसे चला रहा है. वह दिल्ली एनसीआर में सट्टा गैंग चलाता है और लक्जरी कारों को चुराता है. उसके ऊपर 50 से ज्यादा केस दर्ज हैं. स्पेशल सेल ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि दुबई में बैठे शख्स द्वारा फेक इंडियन करेंसी रैकेट चलाया जा रहा है. वह दिल्ली और एनसीआर में बड़ी मात्रा में फेक करेंसी सर्कुलेट कर रहा है. इसके बाद स्पेशल सेल ने ऑपरेशन शुरू किया. जांच में पता चला कि इस रैकेट को जाकिर और आलम दिल्ली एनसीआर में चला रहे हैं. सारिक उन्हें डायरेक्शन देता है. इसके बाद स्पेशल सेल को पता चला कि 20 अगस्त को सराय काले खां के पास नकली नोटों की तस्करी की जानी है. इसके बाद जाल बिछाकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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