तुर्की से मंगवाए जा रहे थे कैंसर के नकली इंजेक्शन, FDA ने शख्स से की सात लाख रुपये की दवाएं बरामद

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Update: 2023-05-15 02:33 GMT

गुरुग्राम में कैंसर की नकली दवा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किए गए शख्स से सात लाख रुपये की दवाएं जब्त की गई हैं. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने रविवार को बताया कि राज्य के एफडीए ने हाल ही में गिरफ्तार किए तुर्की के शख्स से सात लाख रुपये की दवाएं जब्त की हैं.

विज ने बताया कि ये सभी दवाएं कैंसर और डायबिटीज से संबंधित हैं, जिन्हें अवैध रूप से भारत में आयात किया गया था. मंत्री ने कहा कि एफडीए के अधिकारियों ने आरोपी मोहम्मद अली तारमानी से पूछताछ की और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत दवाओं का स्टॉक, रिकॉर्ड, रजिस्टर, दस्तावेज आदि बरामद किए.
आधिकारिक बयान के मुताबिक, ये दवाएं नोएडा के सेक्टर 62 के एक कमरे में मिलीं, जहां आरोपी वर्तमान में रह रहा था. उन्होंने कहा कि पुलिस रिमांड के दौरान अली के खुलासे के बाद एफडीए अधिकारियों ने छह तरह की दवाएं जब्त की हैं. आरोपी ने जांचकर्ताओं को बताया था कि कैंसर और डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अवैध रूप से आयातित दवाएं नोएडा के एक कमरे में एक अलमारी के अंदर हरे बैग में रखी हुई थीं.
आधिकारिक बयान के अनुसार, आरोपी ने कहा कि उसके पास इन दवाओं को आयात करने के लिए कोई एनओसी नहीं है और इन सभी उत्पादों को बिक्री के लिए इस्तांबुल से उसके संपर्क में आने वाले वितरकों के माध्यम से लाया गया था.
11 अप्रैल को अनिल विज ने दी थी जानकारी
इससे पहले बुधवार को विज ने कहा था कि हरियाणा एफडीए ने कैंसर के लिए नकली इंजेक्शन बेचने वाले एक इंटरनेशनल रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में अब तक विदेशी नागरिक समेत चार आरोपियों को ड्रग कंट्रोल अधिकारी ने गिरफ्तार किया है.
मंत्री ने 11 अप्रैल को कहा था कि WHO ने नकली इंजेक्शन 'Defitelio 80 mg/ml, Batch no. 19G19A, Exp. 06/2023' जिसमें निर्माता 'Genium Sri, Piazza XX, Septiembre 2, Villa Guardia, 22079, Italy' है. इस इंजेक्शन को इंटरनेशनल लेबल पर बेचा जा रहा है.
21 अप्रैल को संदीप भुई की गिरफ्तारी
WHO के अलर्ट के बाद हरियाणा एफडीए ने 21 अप्रैल को एक शख्स को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया, जिसकी पहचान संदीप भुई के रूप में हुई. वह कैंसर का नकली इंजेक्शन 'Defitelio' ढाई लाख रुपये में बेच रहा था. विज ने कहा था कि 21 अप्रैल को ही मूल निर्माता को एक ईमेल भेजा गया था जिसका नाम और पता लेबल पर था.
मुंबई से गिरफ्तार हुआ था तरमानी
उन्होंने बताया कि कंपनी ने इसका जवाब देते हुए बताया था कि प्रोडक्ट प्रमाणिक नहीं था और खुलासा किया कि उसी बैच की पहचान संयुक्त अरब अमीरात और किर्गिस्तान में भी की गई थी. इन आरोपियों में तरमानी को मुंबई से पकड़ा गया था, जिसे बाद में गुरुग्राम लाया गया था. 
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