नकली और असली पुलिस का हुआ सामना, 2 यूट्यूबर पहुंचे सलाखों के पीछे, जानिए पूरा मामला
पकड़े गए आरोपी के मामा पुलिस में डिप्टी एसपी रहे हैं.
यूपी में बरेली के दो लड़कों को अपने यूट्यूब चैनल के लिये पुलिस वाला बन कर प्रैंक करना महंगा पड़ गया. पुलिस वाले बन चेकिंग करने के दौरान मजाकिया वीडियो बना रहे दोनों लड़कों को असली पुलिस देख कर पसीना आ गया. अब दोनों हवालात की सैर कर रहे हैं.
दरअसल, बरेली के कैंट थाना क्षेत्र की पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दो संदिग्ध पुलिस वाले मदारी की पुलिया पर चेकिंग कर रहे हैं जिससे आम आदमी, असली पुलिस वाले समझ कर व्यवहार कर रहे हैं.
सूचना पर पहुंची असली पुलिस ने देखा कि पुलिस के भेष में दो लड़के चेकिंग कर रहे हैं. उनमें एक दारोगा और एक सिपाही बना हुआ था. जब असली पुलिस वालों ने उनसे पूछा कि तुम कौन हो और कौन से थाने में तैनात हो तो दोनों लड़कों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई और वो माफी मांगते हुए गिड़गिड़ाने लगे.
उन्होंने पुलिस वालों को बताया कि उनका 'कॉउंटडाउन वॉइस' करके यूट्यूब चैनल है, उसके लिये ये वीडियोज बना रहे थे. उन्होंने बताया कि चेकिंग से जैसे लोग घबरा रहे थे, वो सब वो रिकॉर्ड कर रहे थे. पुलिस उन्हें लेकर थाने आई तो इंस्पेक्टर कैंट राजीव कुमार सिंह और उनकी टीम ने उनकी नकली वर्दी उतरवा कर जब्त कर ली और थाने में प्राइवेट कपड़े उपलब्ध कराये.
इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने जनता की सूचना पर तत्काल मौके पर जा कर देखा तो दो लोग पुलिस की वर्दी में चेकिंग कर रहे थे. इन लोगों को पूछताछ के बाद थाने लाया गया जहां इन्होंने अपना नाम शिवम और अशोक बताया. दोनों ने स्वीकार किया कि वह पुलिस की वर्दी पहन कर चेकिंग कर रहे थे.
पकड़े गये शिवम और अशोक ने बताया कि ये सब ये अपने कथित यूट्यूब चैनल पर मज़ाकिया वीडियो बना कर चलने के लिये रिकॉर्ड कर रहे थे. पकड़े गए अशोक के मामा पुलिस में डिप्टी एसपी रहे हैं. उन्होंने गलती माफ करने की गुजारिश की पर पुलिस ने कार्यवाही जारी रखी.
एसपी सिटी रविन्द्र कुमार ने ऐसे सभी लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि पुलिस या अन्य किसी सरकारी संस्थान की वर्दी पहन कर ऐसे कृत्य करने पर मुकदमा कायम कर जेल भेजा जायेगा. यूट्यूब या किसी अन्य वीडियो बनाने का बहाना नहीं चलेगा.