नकली घी बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, 7 हज़ार लीटर कच्चा माल जब्त
खाद्य विभाग ने की बड़ी कार्रवाई
कोटा। कोटा में नकली घी बनाने की फैक्ट्री को 15 दिन के लिए सीज किया गया है। फैक्ट्री में टीन और डिब्बों में मिलावटी घी भरा हुआ था। कृष्णा और बालगोपाल के ब्रांड से बाजार में चार सौ रुपए लीटर बेचा जा रहा था। जांच के दौरान घी का रंग और खुशबू अलग मिली। करीब 24 लाख रुपए का सामान जब्त कर सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के एडिशनल कमिश्नर पंकज ओझा को सूचना मिली थी कि रानपुर इलाके में नकली घी तैयार कर बाजार में बेचा जा रहा है। सूचना के बाद जयपुर से एक टीम कोटा पहुंची और कार्रवाई की। खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप अग्रवाल ने बताया कि जयपुर और कोटा की टीम ने मिलकर कार्रवाई करते हुए शनिवार दोपहर रानपुर इलाके में फैक्ट्री में छापा मारा। फैक्ट्री को बाल गोपाल डेयरी प्रोडक्ट नाम से नयापुरा खंड गांवडी निवासी दिलीप सिंह चला रहा है।
टीम मौके पर पहुंची तो बड़ी मात्रा में घी का स्टॉक था। जांच में शुरूआती तौर पर घी नहीं लग रहा था। उसकी खुशबू भी घी जैसी नहीं है। ऐसे में गोदाम में रखे माल को सीज किया गया। संदीप अग्रवाल ने बताया कि गोदाम में 6 से 7 हजार लीटर प्रोडक्ट है। आधा किलो, एक किलो की पैकिंग के डिब्बे, टिन और पीपों में मिलावटी घी भरा हुआ है, जिनकी कीमत करीब 24 लाख रुपए है। सैंपल लिया गया हैं। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी कि इसमें क्या मिलावट की गई है और कितनी मिलावट की गई है। फर्म की तरफ से बाजार में घी अलग-अलग पैकिंग में सप्लाई किया जाता था और चार सौ रुपए लीटर में बाजार में बेचा जा रहा था।
आमतौर पर साधारण घी की कीमत भी सात सौ रुपए से कम नहीं है। करीब एक साल से ज्यादा समय से यह माल सप्लाई हो रहा है। ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में सप्लाई होती थी। काउंटिंग के अनुसार करीब 24 लाख का माल सीज किया गया है। फिलहाल फर्म का लाइसेंस 15 दिन के लिए सस्पेंड किया गया है। घी में क्या मिलावट रही है, किन चीजों से मिलाकर नकली घी बनाया गया है, यह जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। आमतौर पर डालडा,तेल, एसेंस मिलाकर नकली घी तैयार किया जाता है। आजकल नया ट्रेंड चल रहा है, जिसमें गुजरात और हरियाणा से टैंकर भरकर बना बनाया मिलावटी घी मंगवाया जाता है। इस फर्म में भी बाहर से ही माल मंगवाने की बात सामने आ रही है। आगे कार्रवाई में क्लियर होगा कि कहां से कितना माल मंगवाया जा रहा था। यहां बन रहा था तो किस चीज की मिलावट की जा रही थी।