दुनिया की नजर: SCO समिट में भाग लेने उज्बेकिस्तान जाएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय समुदाय में उत्साह

अपने संदेश में कही ये बात.

Update: 2022-09-15 12:07 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात आठ बजे उज्बेकिस्तान पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. इस दौरान उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय बैठक हो सकती है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर वार्ता की घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन अनौपचारिक बातचीत की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है. बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कजाकिस्तान की एक दिवसीय यात्रा के बाद समरकंद पहुंचे हैं.
उधर, पीएम मोदी ने अपने दौरे पर निकलने से पहले एक संदेश जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा कि मैं उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर समरकंद के दौरे पर हूं. एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, एससीओ के विस्तार पर चर्चा के साथ ही इस पर भी बात करने के लिए उत्सुक हूं कि किस तरह संगठन में सहयोग को और गहरा किया जाए.
पीएम मोदी ने कहा कि उज्बेक अध्यक्षता से व्यापार, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए कई निर्णय लिए जाने की संभावना है.
मोदी बोले कि मैं समरकंद में राष्ट्रपति मिर्जियोयेव से मिलने के लिए भी उत्साहित हूं. साल 2018 की उनकी भारत यात्रा मुझे आज भी याद है. उन्होंने 2019 में वाइब्रेंट गुजरात समिट में गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में भी शिरकत की थी. इसके अलावा मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करूंगा.
मोदी की तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन से मुलाकात करने की अटकलें हैं लेकिन अभी इसकी भी कोई पुष्टि नहीं हो सकी है. उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत की मेजबानी में नए समरकंद इंटरनेशनल टूरिस्ट सेंटर में विदेशी मेहमानों के लिए अनौपचारिक भोज की व्यवस्था की जाएगी. इसे विशेष तौर पर एससीओ समिट के लिए ही तैयार किया गया है.
कोरोना महामारी के बाद यह एससीओ की पहली बैठक है. आखिरी बार एससीओ की बैठक 2019 में किर्गिस्तान में हुई थी. इससे पहले 2020 में वर्चुअली तरीके से और 2021 में हाइब्रिड मोड से यह बैठकें हुई थीं.
एससीओ संगठन की स्थापना जून 2001 में हुई थी. फिर भारत और पाकिस्तान 2017 में इस संगठन के पूर्ण सदस्य बन गए थे. एससीओ के आठ पूर्ण सदस्य हैं. जिनमें चीन, रूस, उज्बेकिस्तान, भारत, किर्गिस्तान, कजाकस्तान, ताजिकस्तान और पाकिस्तान हैं. वहीं, अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया इसके पर्यवेक्षक देश हैं जबकि कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका, तुर्की, अर्मेनिया और अजरबैजान डायलॉग पार्टनर्स हैं.
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