कोटा। जबलपुर-अजमेर दयोदय एक्सप्रेस (12181) मंगलवार को दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई। भौंरा और कल्याणपुरा स्टेशनों के बीच ट्रेन के इंजन से अचानक एक लोहे की चद्दर टकरा गई। इसके बाद चद्दर ट्रेन के नीचे चली गई। तेज रफ्तार दौड़ते कोचों की चपेट में आने से यह चद्दर गोल होती चली गई। करीब आधी से ज्यादा ट्रेन चद्दर के ऊपर से गुजर गई। इस दौरान चद्दर की चपेट में आने से कई कोचों के होज पाइप भी कट गए। पाइप काटने से ट्रेन का प्रेशर भी लीकेज होने लगा। घटना का पता चलते ही चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को मौके पर ही खड़ा कर लिया।
यात्रियों ने बताया कि इस घटना के चलते हैं ट्रेन करीब 25 मिनट तक खड़ी रही। यह घटना सुबह करीब 7:45 बजे की है। ट्रेन पहले से ही करीब 50 मिनट देरी से चल रही थी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे कर्मचारियों ने बड़ी मशक्कत से चद्दर को वातानुकूलित कोच के नीचे से निकाला। बड़ी दुर्घटना टली- यात्रियों ने बताया कि चद्दर करीब 30-35 किलो वजनी, ढाई फीट चौड़ी और 5 फीट लंबी तथा करीब 3 मिली मीटर (एमएम) मोटी थी। घटना के समय ट्रेन करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी। ऐसे में तेजी से रोल होती चद्दर अगर ट्रैक पर आ जाती तो ट्रेन बैपटरी हो सकती थी।
वहीं अन्य अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल यह पता नहीं चला है कि सुनसान जगह ट्रैक पर अचानक चद्दर कहां से आ गई। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह चद्दर बारां की ओर जाने वाली किसी मालगाड़ी से गिरी हो सकती है। चद्दर पर कोयले जैसी कालिख भी लगी हुई है। उन्होंने बताया कि कई बार मालगाड़ी के टुटे डिब्बे या गेट पर अलग से लोहे की चद्दर को वेल्ड कर दिया जाता है। संभवत वेल्डिंग टूटने के कारण यह चद्दर किसी डिब्बे से अलग होकर पटरी पर गिरी हो। घटना के सही कारणों का पता जांच पूरी होने के बाद ही चल सकेगा।
अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच के लिए विभिन्न विभागों की पांच सदस्यीय सुपरवाइजरों की कमेटी बनाई गई है।