निष्कासित BJP नेता को दो दिन में कोर्ट से मिली जमानत, हिस्ट्रीशीटर को छुड़ाने पर हुए थे गिरफ्तार, जानिए कैसे मिली बेल

दो दिन ही जेल में रहे.

Update: 2021-06-08 12:31 GMT

कानपुर में हिस्ट्रीशीटर को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने वाले दबंग बीजेपी नेता नारायण सिंह भदौरिया को सिर्फ दो दिन में ही जमानत मिल गई है. उनके साथी गोपाल शरण सिंह को भी कोर्ट ने जमानत दे दी है. अदालत ने दोनों को 25-25 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी है. सुनवाई के दौरान कानपुर कोर्ट के बाहर भारी फोर्स तैनात थी.

दरअसल, 2 जून को नारायण सिंह भदौरिया का जन्मदिन एक निजी गेस्ट हाउस में मनाया जा रहा था. इस बर्थडे पार्टी में हिस्ट्रीशीटर और 25 हजार का इनामी बदमाश मनोज सिंह भी था. पुलिस को जैसे ही उसके आने की सूचना मिली तो पुलिस ने गेस्ट हाउस जाकर उसे गिरफ्तार कर लिया. लेकिन थोड़ी ही देर बाद नारायण सिंह अपने समर्थकों के साथ पहुंच गया और उसे छोड़ने की मांग करने लगा. पुलिस ने मांग नहीं मानी तो झड़प शुरू हो गई. इसी बीच किसी ने पुलिस जीप से मनोज को भगा दिया.
इस मामले में पुलिस ने नारायण सिंह और गोपाल सिंह समेत 12 लोगों को आरोपी बनाया है. मामला जब बढ़ा तो बीजेपी ने नारायण सिंह को पार्टी से बर्खास्त कर दिया. नारायण सिंह जिला मंत्री था.
12 आरोपियों में से पुलिस अब तक हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह, नारायण सिंह, गोपाल शरण सिंह, रणधीर सिंह तोमर, रॉकी यादव को ही पकड़ पाई है. बाकी आरोपी अब भी फरार चल रहे हैं. कानपुर की कोर्ट से नारायण और गोपाल को जमानत मिल गई है, लेकिन बाकी आरोपी अभी जेल में ही रहेंगे.
क्योंकि नारायण और गोपाल दोनों वकील हैं, इसलिए उनकी जमानत के खिलाफ कोर्ट के बाहर वकीलों में काफी गुस्सा था. इस वजह से भारी फोर्स भी तैनात करनी पड़ी थी. कानपुर बार एसोसिएशन के महामंत्री राकेश तिवारी बताते हैं कि उन दोनों पर पुलिस ने जो धाराएं लगाई थीं, उनमें 7 साल से कम की सजा का प्रावधान है, इस कारण कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई.
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