पूर्व कर्मचारी को फांसी की सजा, किया था पत्नी-बेटियों सहित 4 का मर्डर
जघन्य कांड में कोर्ट ने सुनाया फैसला
झारखंड। पत्नी, 2 बेटियों और उनकी ट्यूशन टीचर की हत्या में टाटा स्टील अग्निशमन विभाग के कर्मचारी रहे दीपक कुमार सिंह को गुरुवार को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। इस जघन्य कांड को कोर्ट ने रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में माना है। दीपक कुमार सिंह को इससे पहले 4 अप्रैल को अदालत ने दोषी करार दिया था। उसे घाघीडीह सेंट्रल जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश किया गया। दीपक ने 12 अप्रैल 2021 को कदमा में घटना को अंजाम दिया था।
अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने बताया कि अदालत ने धारा 302 में मृत्युदंड, दुष्कर्म में आजीवन कारावास व 50 हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना की राशि शिक्षिका की मां को दी जाएगी। अंकित और रोशन कुमार पर हमले करने में 10 साल, साक्ष्य छिपाने में 10 साल और पत्नी का जेवर बेचने में 3 साल की सजा मिली है। सुबह नौ बजे ही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद सिन्हा ने फैसले को मुकम्मल करते हुए जेल से मुजरिम दीपक कुमसा सिंह, उसके अधिवक्ता और लोक अभियोजक को तलब किया। उसके बाद फैसला सुनाया। केस में20 गवाही हुई। फैसले के वक्त दोनों पक्ष के अधिवक्ता ही मौजूद थे। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि वे फैसले को चुनौती देंगे।
अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार के अनुसार, न्यायाधीश कोर्ट में बैठे। वीसी के जरिए मुजरिम की पेशी हुई। अदालत ने कहा- आपने बहुत नृशंस और जघन्य रूप से अपनी बच्चियों की हत्या की। एक बच्ची जिसकी उम्र आठ वर्ष थी, उसने दुनिया नहीं देखी थी। एक दूसरी बच्ची, जिसकी उम्र 14 वर्ष थी, उसके ढेर सारे सपने होंगे... दोनों की हत्या कर दी। एक औरत, जो अपना घर छोड़कर पति के घर आती है। पति की जवाबदेही होती है, उसकी सुरक्षा करने की, उसके भविष्य को संवारने की। आपने उसकी भी हत्या कर दी। एक शिक्षिका, जो अपने जीविकोपार्जन के लिए आपकी बच्चियों को पढ़ाने आती थी, उसका भी भविष्य था और उसके भी कई सपने थे। आपने अमानवीय कृत्य करते हुए सभी को मार डाला। इतना ही नहीं उस शिक्षिका के साथ दुष्कर्म किया। यह केस रेयररेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है, इसलिए आपको मृत्युदंड की सजा दी जाती है... हैंग टिल डेथ।
केस में जो हत्या का कारण सामने आया, उसमें प्रभु के साथ उसने एक व्यवसाय शुरू किया था, जिसमें उसे घाटा हो गया था। प्रभु पर शक था कि वह लाभ में है। इसलिए उसने प्रभु को फंसाने के लिए योजना बनाई। हत्या के लिए उसने क्राइम सीरियल देखकर प्लान बनाया। उसके बाद उसने पत्नी और दोनों बच्चों को मारा। उसी वक्त ट्यूशन टीचर आ गई और शव को देख लिया इसलिए उसे मार दिया। हर परिस्थिति के साक्ष्य थे। घर में दीपक, उसकी पत्नी और बच्चियां रहती थीं, वह प्रमाणित हो गया। उसने भोजन पर रोशन और अंकित को बुलाया था, जब वे उसके घर पहुंचे तो उसपर हथैड़ी से हमला किया। इसमें अंकित गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। शिक्षिका जब देर तक घर नहीं लौटी तो उसकी मां ने दीपक की पत्नी के मोबाइल पर फोन किया। उस फोन को दीपक ने ही उठाया था।
और कहा कि वह पढ़ाने आई थी, लेकिन उसने अपनी पत्नी और बेटियों को रांची भेज दिया है। इसलिए वह रांची लौट गई। लेकिन बाद में शिक्षिका की स्कूटी दीपक के घर में मिली। बाद में शिक्षिका का शव भी उसके घर में मिला। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से रक्त सहित अन्य नमूने जुटाए गए थे, जिसे जांच के लिए रांची भेजा गया था। उसकी रिपोर्ट से ही हत्या, दुष्कर्म की पुष्टि हुई। चाकू और हथौड़ी पर जो रक्त मिला, उसकी मैचिंग मृतकों के शरीर से लिए गए ब्लड से हो गई। केस में परिस्थितिजन्य साक्ष्य के साथ ही एफएसएल रांची की रिपोर्ट ही केस में सजा का आधार बनी। एक महत्वपूर्ण साक्ष्य यह भी था कि अंकित पर हमले के बाद घर को बंद कर जब वह बुलेट से भागा था तो उसके पड़ोसी ने गवाही दी थी कि उसे उसने पिट्ठू बैग लेकर जाते देखा था, जिसमें जेवर थे, जिसे उसने कदमा में बेचा था।