गांव का हर पढ़ा लिखा व्यक्ति रहता है विदेश, विरान पड़ी बड़ी-बड़ी हवेलियां
जींद। हरियाणा सहित पूरे देश में रोजगार के अवसर कम हुए हैं। भारत में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। देश में रोजगार न मिलने के कारण युवा अब विदेशों का रुख कर रहे हैं। हरियाणा के जींद में एक ऐसा गांव है, जहां 18 से 45 साल के बीच की उम्र का हर पढ़ा लिखा व्यक्ति विदेश में है। जिले के अलेवा खंड का गांव काफी खुशहाल है। यहां 30 प्रतिशत आबादी सिख है। गांव में घुसने पर लगता है कि जैसे किसी विकसित टाऊन में आ गए हैं। क्योंकि इस गांव में बड़ी बड़ी कोठियां बनी हुई हैं। गांव के इक्का दुक्का नौजवानों को छोड़कर लगभग सभी लोग विदेश में गए हुए हैं। कोई इंग्लैंड में तो कोई अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में नौकरी करता है। गांव की महिला सरपंच सरबजीत का कहना है कि गांव की आबादी 2500 के करीब है।
जिसमें से लगभग 300 युवक-युवती विदेशो में रहते हैं। इसका मुख्य कारण अच्छा पढ़ा लिखा होने के बावजूद रोजगार न मिलना है। इसलिए देश छोड़ना पड़ता है। अलेवा खंड गांव निवासी रतन सिंह का कहना है कि उसके 3 बच्चे हैं और तीनों ही विदेश में है। इस दौरान एक गांव निवासी तेज सिंह ने बताया कि इस गांव में जो बारहवी कर लेता हे, वह विदेश चला जाता है। उनका 30 सदस्यों का परिवार है और उनमें से 12 विदेश में है। दुखी मन से तेज सिंहे ने बताया कि उनकी बेटी कुरूक्षेत्र युनिवर्सिटी की टॉपर रही है। इसके बावजूद भी उसको कहीं भी नौकरी नहीं मिली। जिसके बाद उसे भी कनाडा जाना पड़ा। उसके बिछड़ने का गम है, लेकिन मजबूरी है कि काम के लिए बाहर भेजना पड़ा। वहीं संदीप का कहना है कि हर महीने गांव से एक-दो युवक युवती विदेश चले जाते हैं। गांव में बड़ी बड़ी कोठियां तो हैं, लेकिन बिना बच्चों के खाली खाली लगता है। विदेश जाकर बच्चे पैसे तो भेज रहे हैं, लेकिन वापिस आने को तैयार नहीं हैं।