सिर्फ 12 साल की उम्र में पत्रकारिता में कदम रखा , वंशी तिवारी का नाम अब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज

Update: 2024-10-12 11:40 GMT

लिटिल जर्नलिस्ट के रूप अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली वंशी तिवारी ने अब एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है.वंशी तिवारी का नाम अब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है. सिर्फ बारह साल की उम्र में पत्रकारिता में कदम रख कर विशेष उपलब्धि हासिल करने के लिए वंशी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में ibr अचीवर के रूप में दर्ज किया गया है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से वंशी को प्रमाण पत्र, एक मेडल और एक विशेष पेन दिया गया है.

सिर्फ बारह साल की उम्र में पत्रकारिता में कदम रखने वाली वंशी सिर्फ मोटिवेशनल खबरें ही कवर नही करती बल्कि छोटा सा माइक लेकर बड़े बड़े नेताओं का इंटरव्यू भी लेते रहती है. गुगल हो या यूट्यूब वंशी तिवारी का नाम सर्च करने पर उसकी खबरें और वंशी की उपलब्धियों को लेकर प्रसारित समाचार देखें जा सकते है.

पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है और इसकी गरिमा को कायम रखने की जिम्मेदारी एक पत्रकार की होती है। समाज की ज्वलंत समस्याओं को उठाकर जागरूकता लाने में पत्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बहुत ही कम उम्र में हैदराबाद मे रहनेवाली वंशी तिवारी ने एक पत्रकार के रूप में सामाजिक जागरूकता लाने की मुहिम में जुटी हुई है। पिछले चार सालों से वंशी तिवारी समाज को प्रेरणा देनेवाली खबरें और कहानिया प्रस्तुत करते हुई लोगों में जागरूकता लाने की कोशिश कर रही है। वर्तमान समय में इंटर द्वितीय वर्ष में पढ़ रही वंशी तिवारी पढाई के साथ साथ पत्रकारिता कर रही है. लेखक व पत्रकार सूर्य प्रकाश तिवारी की बेटी वंशी तिवारी ने सिर्फ 12 साल की उम्र में इस क्षेत्र में कदम रखा। वंशी का सफर उस समय शुरू हुआ जब देश में कोरोना वायरस के बाद लॉक डाउन खुला तो लोग नियमो का पालन नहीं कर रहे थे तब नियमो को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अपील को लेकर वंशी तिवारी लोगो को जागरूक करने माइक लेकर निकल पड़ी और इस मुद्दे पर अपना पहला वीडियो बनाया। यही नहीं यूट्यूब पर वी वंशी न्यूज़ चैनल के माध्यम से कई हस्तियों के इंटरव्यू लिए जिनसे समाज को प्रेरणा मिलती है। इसके बाद कई प्रेरणात्मक खबरों का सिलसिला शुरू हुआ जिसे देखकर तेलंगाना के मीडिया ने वंशी तिवारी को लिटिल जर्नलिस्ट का टाइटल दिया। वंशी के जज्बे को लेकर स्थानीय मीडिया में कई खबरे और इंटरव्यू प्रसारित हुए।

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वही लोकतंत्र में मतदाता का अहम् रोल होता है , जिसे ध्यान में रखते हुए वंशी तिवारी ने कॉलेज में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाया और छात्रों को मतदान के महत्व से अवगत कराया। यही नहीं अपने साक्षात्कारों के दौरान वंशी तिवारी ने शिक्षा का महत्व बताते हुए इन दिनों छात्रों पर बढ़ रहे मानसिक दबाव का मुद्दा भी उठाया। रैंक लाने की होड़ में बच्चों पर अभिभावकों और शिक्षकों की ओर होनेवाली दवाब को कम करने आवश्यकता पर वंशी तिवारी ने इस दौरान जोर दिया।

यही नहीं पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान जनता के मुद्दे और समस्याएं सरकार तक पहुँचाने के उद्देश्य से वंशी तिवारी ने अपने यूट्यूब चैनल पर जनता की बात वंशी के साथ कार्यक्रम चलाया और सरकार से उनकी क्या उम्मीदे है जानने की कोशिश की। इसके अलावा कई बड़े बड़े नेताओ के इंटरव्यू लेकर उनसे जन समस्याओ से जुड़े मुद्दों को लेकर सवाल भी पूछे। youngest journalist के रूप में वंशी तिवारी द्वारा किये जा रहे कार्यो को देखते हुए तेलंगाना के प्रमुख संघटन राजस्थानी स्नातक संघ द्वारा वर्ष 2022 और वर्ष 2024 में वंशी को प्रतिभा पुरस्कार से सम्मानित किया। इसी तरह तेलंगाना विप्र फाउंडेशन की ओर से भी हाल ही में वंशी को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया.

इसी तरह वंशी के कॉलेज की ओर से भी उसे एक कार्यक्रम में मैडल देकर सम्मानित किया गया। युवा पत्रकार के रूप में गूगल और यूट्यूब में वंशी एक ट्रेंडिंग नाम है जिसे सर्च करने पर उसकी खबरे और उससे जुड़े वीडिओ नजर आते है। तेलंगाना के बहुत से तेलुगु चँनलो में वंशी तिवारी और उसके अभिभावकों के इंटरव्यू उसकी उपलब्धि को लेकर समाचार प्रसारित हुए है। वही वंशी तिवारी की उपलब्धि को लेकर पत्रकारिता के छात्रों ने एक परियोजना तक बनाई।

जिस उम्र में बच्चे कार्टून देखते है खेलते कूदते है उस उम्र में वंशी तिवारी ने पत्रकारिता जैसे एक ऐसे क्षेत्र में कदम रखा जिसे चुनौतीपूर्ण कहा जाता है। आमतौर पर लोग पढाई पूरी होने के बाद ऐसे क्षेत्र में कदम रखते है लेकिन वंशी तिवारी ने पढाई के साथ पत्रकारिता में कदम रखकर youngest journalist के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वही पत्रकारिता के माध्यम से वंशी समाज और देश की सेवा के लिए कार्य करना चाहती है.

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