इंजीनियर मुश्किल में, प्रधानमंत्री कार्यालय भेजी चिठ्ठी, जानें क्या है मामला

चिठ्ठी विदेश मंत्रालय भी भेजी.

Update: 2024-08-17 07:00 GMT

नई दिल्ली: यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) में गोरखपुर का एक इंजीनियर ईशनिंदा में पांच साल से फंसा है। उसे 15 साल की सजा और एक करोड़ (भारतीय मुद्रा) का जुर्माना हुआ है। उन्होंने एक बार फिर अधिकारियों के जरिये चिठ्ठी विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय भेजी है।

गुलरिहा क्षेत्र के बजही निवासी अखिलेश पाण्डेय यूनियन सीमेंट कम्पनी रास अल खेमा यूनाइटेड अरब अमीरात में सीनियर सेफ्टी इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। उनके अधीनस्थ काम करने वाले एक सूडानी और एक पाकिस्तानी के साथ ही दो भारतीय मुस्लिम मजदूरों ने उन पर ईश निंदा का आरोप लगा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में अक्टूबर 2019 में वहां की पुलिस ने अखिलेश को गिरफ्तार किया। पुलिस की जांच में वीडिया, आडियो रिकार्डिंग सहित कोई भी साक्ष्य नहीं मिला, पर यूएई के कानून के हिसाब से अगर तीन या तीन से अधिक लोग मिलकर कुरान की कसम खाकर गवाही देते हैं तो उनकी गवाही पर आरोप सिद्ध माना जाता है। ऐसे में गवाही के आधार पर यूएई की अबूधाबी कोर्ट ने अखिलेश पाण्डेय को 22 फरवरी 2020 को 15 साल की सजा और एक करोड़ रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा न करने पर सजा ताउम्र में बदल जाएगी।
अखिलेश की गिरफ्तारी के समय पत्नी अंकिता और बेटी अविका यूएई में ही थीं। घरवालों ने किसी तरह से उन्हें भारत बुलाया और अब अखिलेश को देश वापस लाने के प्रयास में हर जगह गुहार लगा रहे हैं।
अखिलेश ने पिता अवधेश कुमार पांडेय से करीब 15 दिन पहले फोन पर बात की थी। उन्होंने कहा बाबू जी घबराइए नहीं जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। बेटे की यह बात सुनकर बुजुर्ग पिता की आंखे भर गईं। प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत अवधेश पाण्डेय ने बताया कि पांच सालों में सरकार से लेकर दूतावास तक 50 ज्यादा पत्र भेजकर गुहार लगा चुका हूं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। लेकिन मैं हार मानने वाला नहीं हूं। अंतिम दम तक कोशिश करता रहूंगा।
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