इंजीनियर ने सांसद पर लगाए गाली-गलौच के आरोप, मंत्री ने कही ये बात

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Update: 2022-04-21 02:19 GMT

पटना: ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता रामाशीष प्रसाद द्वारा सांसद अजय मंडल के विरुद्ध लगाये गये आरोपों के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज ने कहा कि पूरे मामले की जांच करायी जाएगी। जांच के बाद उचित कदम उठाया जाएगा। मंगलवार को जिस समय कार्यपालक अभियंता सांसद पर आरोप लगा रहे थे, उस दौरान गोपालपुर के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल भी उपस्थित थे।

इसे लेकर सांसद अजय मंडल और विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। ग्रामीण कार्य मंत्री ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में बताया कि मीडिया के माध्यम से सांसद और इंजीनियर के बीच हुए विवाद की जानकारी मिली है। यह मामला गंभीर है। सांसद द्वारा सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया है। वहीं कार्यपालक अभियंता द्वारा सांसद पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं।
इसके चलते पूरे प्रकरण की जांच जरूरी हो गयी है। सांसद और कार्यपालक अभियंता से अलग-अलग बात की जाएगी। इसके बाद कुछ निर्णय लिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि कार्यपालक अभियंता द्वारा इस्तीफा देने की जानकारी विभाग को नहीं मिली है। इसके पहले भी उनके द्वारा किसी तरह की शिकायत नहीं की गयी थी। इस तरह का विवाद नहीं होना चाहिए।
इंजीनियर को मना किया, वह नहीं माने: विधायक
विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि मंगलवार को एक सड़क का शिलान्यास करना था। उसी मौके पर उनके साथ कार्यपालक अभियंता भी उपस्थित थे। सांसद को भी बुलाया गया था। इसी दौरान कार्यपालक अभियंता रोने लगे और सांसद पर कई तरह का आरोप लगाया। उन्होंने सांसद के बारे में इस तरह की बात करने से इंजीनियर को मना किया, लेकिन वह नहीं माने। सभी लोगों की उपस्थिति में इंजीनियर ने सांसद के बारे में जानकारी दी।
इंजीनियर द्वारा बताया गया कि सांसद ने गाली-गलौज की है। विधायक ने कहा कि सांसद को गाली-गलौज नहीं देना चाहिए। अगर ऐसा किया है तो निंदनीय है। इंजीनियर द्वारा भी गलत बात बोली गयी होगी। इसमें दोनों से गलती हुई है। सांसद से इसे लेकर कोई बात नहीं हुई है। इस तरह के विवाद से पार्टी की छवि को नुकसान नहीं होता है।
अभद्र भाषा के प्रयोग का सवाल ही नहीं उठता: सांसद
सांसद अजय मंडल ने कहा कि इंजीनियर से बात करने के दौरान वह नशे में नहीं थे। वह कभी नशा नहीं करते हैं। ऐसे में गाली-गलौज या अन्य अभद्र भाषा का प्रयोग करने का सवाल ही नहीं उठता है। विधायक की उपस्थिति में इंजीनियर द्वारा इस तरह की बात कही गयी है। विधायक उसकी जांच कर लें। सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया था। इसमें गलत क्या था। मुझसे स्थानीय जनता द्वारा शिकायत की गयी।
इसके आलोक में उन्होंने कार्यपालक अभियंता से बात की थी। जितनी भी सड़कें बनी हैं, उसकी गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए। जांच के बाद सबकुछ साफ हो जाएगा। जांच में फंसने और कार्रवाई के भय से इंजीनियर द्वारा गलत आरोप लगाया गया। उल्टे जानकारी मांगने पर इंजीनियर द्वारा सही जवाब नहीं दिया गया था। उचित मंच पर जांच की मांग की जाएगी।
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