प्रवर्तन निदेशालय: मनी लॉन्ड्रिंग में आधे मामले, बैंक फ्रॉड और पोंजी स्कीमों के है ईडी के पास

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Update: 2022-05-06 08:29 GMT

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में से करीब आधे बैंक से लोन लेकर फ्रॉड, सरकारी फंड में घपले और निवेशकों को पोंजी स्कीम से ठगने वालों के हैं। 20 प्रतिशत मामले सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के हैं। 2005 में हुई स्थापना से अब तक ईडी के पास आए इन मामलों में कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा के प्रावधान हैं।

इन्हीं 16 साल में मनी लॉन्ड्रिंग के कुल 4,637 केस ईडी ने दर्ज किए, इनमें 1,024 धोखाधड़ी, फर्जी विक्रय पत्र, संपत्ति हड़पने, नकली दस्तावेज रचने आदि के थे। सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्रों में हुए घपलों के 927 केस थे। यह सरकारी एजेंसियों में भ्रष्टाचार का बड़ा स्तर दर्शाता है।
आतंक पर भी वार
यूएपीए के तहत दर्ज केस के कई आरोपियों पर ईडी ने भी 131 मामले दर्ज किए। इनमें आतंकियों व देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल लोग व उनके सहयोगी आरोपी थे।
आंकड़ों में कार्रवाई : कुल केस-4,637
चार्जशीट-907, संपत्ति अटैच करने के आदेश -1,608, अटैच करने के आदेशों को अदालती सहमति -1,265, अटैच हुई संपत्ति का कुल मूल्य - 96,868 करोड़ रुपये


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