कर्मचारी और संपत्ति सात PSU के हवाले, रक्षा मंत्रालय का OFB को 1 अक्टूबर से भंग करने का आदेश

रक्षा मंत्रालय ने एक अक्टूबर से आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ([ओएफबी)] को भंग कर दिया है.

Update: 2021-09-28 15:45 GMT

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने एक अक्टूबर से आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ([ओएफबी)] को भंग कर दिया है और उसकी संपत्ति, कर्मचारियों और प्रबंधन को सात सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों ([पीएसयू)] के हवाले कर दिया है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत, केंद्र सरकार ने बीती 16 मई को घोषषणा की थी कि वह ओएफबी के निगमीकरण द्वारा आयुध आपूर्ति में स्वायत्तता, जवाबदेही और दक्षता में सुधार करेगी।

रक्षा मंत्रालय ने 28 सितंबर के एक आदेश में कहा कि भारत सरकार ने एक अक्टूबर, 2021 से इन 41 उत्पादन इकाइयों और पहचाने गए गैर--उत्पादन इकाइयों का प्रबंधन, नियंत्रण, कामकाज और रखरखाव सात सरकारी कंपनियों ([पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व वाली)] को सौंपने का फैसला किया है।
आदेश के अनुसार इन सात रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों ([जिन्हें डीपीएसयू भी कहा जाता है)] में म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड, आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड, एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड, ट्रूप कम्फ‌र्ट्स लिमिटेड, यंत्र इंडिया लिमिटेड, इंडिया आप्टेल लिमिटेड और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड शामिल हैं। ओएफबी वर्तमान में रक्षा मंत्रालय की अधीनस्थ एक इकाई है। यह तीनों सशस्त्र सेनाओं और अर्धसैनिक बलों को महत्वपूर्ण हथियार और गोला--बारूद की आपूर्ति करती है।
आदेश में कहा गया है कि सरकार ने फैसला किया है कि ओएफबी ([ग्रुप ए, बी और सी)] के सभी कर्मचारी जो उत्पादन इकाइयों से संबंधित हैं और साथ ही पहचानी गई गैर--उत्पादन इकाइयों को विदेश सेवा की शर्तो पर नए डीपीएसयू में स्थानांतरित किया जाएगा। इन कर्मचारियों को सेवा शुरू करने की नियत तारीख ([1 अक्टूबर)] से दो साल की अवधि तक बिना किसी प्रतिनियुक्ति भत्ते ([डीम्ड डिपुटेशन)] के काम करना होगा।
आदेश में कहा गया है कि नए डीपीएसयू में से प्रत्येक को समायोजित किए गए कर्मचारियों की सेवा शर्तो से संबंधित नियमों और विनियमों को तैयार करना होगा। हर डीपीएसयू को दो साल की अवधि के भीतर डीम्ड प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों के स्थायी समायोजन के लिए एक विकल्प की तलाश करनी चाहिए।
आदेश में कहा गया है समायोजित कर्मचारियों की सेवा शर्तें मौजूदा लोगों से कमतर नहीं होंगी। इस संबंध में नए डीपीएसयू का मार्गदर्शन करने के लिए डीडीपी ([रक्षा उत्पादन विभाग)] द्वारा एक समिति गठित की जाएगी, ताकि दिया गया पैकेज आकषर्षक हो।
Tags:    

Similar News

-->