2021 में 8 कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मिली थी मंजूरी, लेकिन लोगों को लगी बस 3, बाकि...
Corona Vaccination in India: भारत ने पिछले साल 16 जनवरी से देश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया. अभियान शुरू हुए दो महीने भी नहीं हुए थे और कोरोना की दूसरी लहर आ गई. दूसरी लहर के बीच वैक्सीन की जमकर किल्लत हुई. उसके बाद सरकार ने 13 मई को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उसे इस साल दिसंबर तक 216 करोड़ डोज मिल जाएंगे, जिससे देश की पूरी वयस्क आबादी को साल के आखिरी तक पूरी तरह वैक्सीनेट किया जा सकेगा.
इसके बाद केंद्र सरकार ने 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में एक और हलफनामा दायर किया. इसमें सरकार ने बताया कि उसे 216 नहीं बल्कि 135 करोड़ डोज ही मिलने की उम्मीद है.
सरकार ने जून में 2021 के आखिरी तक 5 वैक्सीन होने का अनुमान लगाया था. लेकिन साल के आखिरी तक सरकार के पास 8 वैक्सीन थी. उसके बाद भी 31 दिसंबर तक टारगेट पूरा नहीं हो सका है. जनवरी के 20 दिन बीत चुके हैं और अभी तक पूरी वयस्क आबादी को सिंगल डोज भी नहीं सकी है.
कहां हो गई चूक?
- केंद्र सरकार की ओर से 8 कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इनमें से सिर्फ तीन ही वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है.
- 90 फीसदी से ज्यादा लोगों को Covishield लगाई गई है, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है. उसके बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन Covaxin है जिसे भारत बायोटेक ने बनाया है. इन दोनों के अलावा रूस की Sputnik-V है.
- वैक्सीनेशन का डेटा रखने वाले CoWin प्लेटफॉर्म के मुताबिक, 19 जनवरी तक Covishield की 137.21 करोड़ और Covaxin की 21.69 करोड़ डोज लग चुकी है. जबकि, Sputnik-V की 12 लाख डोज ही लगाई गई हैं.
इन 3 के अलावा और कौन-कौन सी वैक्सीन हैं?
Covishield, Covaxin और Sputnik-V के अलावा 5 और वैक्सीन हैं जिन्हें आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिल चुकी है. इनमें से दो वैक्सीन Covovax और Corbevax को 28 दिसंबर को ही मंजूरी मिली है. इनके अलावा पिछले साल 29 जून को Moderna, 7 अगस्त को Johnson & Johnson और 20 अगस्त को Zy-COV-D को मंजूरी दी गई थी.
तो इन वैक्सीन का स्टेटस क्या है?
1. Moderna: 29 जून को सेंट्रल ड्रग्स रेगुलेटर ने मॉडर्ना की वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी. सरकार ने भारतीय फार्मा कंपनी Cipla को इस वैक्सीन को इम्पोर्ट करने का लाइसेंस दिया. लेकिन उसके बाद इस वैक्सीन के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
2. Johnson & Johnson: 7 अगस्त को सरकार ने अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी. ये वैक्सीन भारतीय कंपनी Biological-E के जरिए भारत आने वाली थी. उसके बाद क्या हुआ, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है.
3. Zy-COV-D: अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला की इस वैक्सीन को सरकार ने 20 अगस्त को मंजूरी दी. ये तीन डोज वाली वैक्सीन है. खास बात ये है कि ये नेजल वैक्सीन है. यानी इसे नाक के जरिए दिया जाएगा. इसमें सुई का इस्तेमाल नहीं होगा. ये 12 साल से ऊपर के लोगों को लगाई जानी है. जून 2021 में सरकार ने बताया था कि इस वैक्सीन के 5 करोड़ डोज मिलने की उम्मीद है, लेकिन अभी तक इसका इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है. यूपी-बिहार जैसे कई राज्यों ने इसे इस्तेमाल करने की बात कही है, लेकिन अभी तक ये लोगों को लगाई नहीं जा रही है.
4. Covovax: इसे अमेरिकी कंपनी Novavax ने बनाया है. भारत में इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट (SII) बना रही है. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक, ट्रायल के दौरान ये वैक्सीन 90 फीसदी तक असरदार साबित हुई है. सूत्रों के मुताबिक, SII इस वैक्सीन की डोज निर्यात करने लगा है. भारत में इसका इस्तेमाल कब से शुरू होगा, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.
5. Corbevax: इसे भारत की ही फार्मा कंपनी Biological-E ने बनाया है. कोवैक्सीन की तरह ही इसकी दोनों डोज के बीच भी 28 दिन का अंतर होगा. सरकार ने पहले ही कंपनी को 1,500 करोड़ रुपये में 30 करोड़ डोज का ऑर्डर दे दिया था. सूत्रों ने बताया कि Biological-E ने इसकी 10 करोड़ डोज का स्टॉक रखना शुरू कर दिया है.
वैक्सीनेशन पर कितना खर्च कर चुकी है सरकार?
2021-22 के बजट में केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा था. पिछले साल 21 दिसंबर को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया था कि 15 दिसंबर तक वैक्सीन के एलोकेशन में 19,675 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं.