इलेक्टोरल बॉन्ड: हुई सुनवाई, SBI को SC की फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई और सवाल किया है कि 26 दिनों तक आपने किया क्या है.

Update: 2024-03-11 06:02 GMT
नई दिल्ली: इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई के दौरान भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (SC) ने SBI को कल (12 मार्च) तक ही पूरी डिटेल देने का आदेश दिया है.
इससे पहले सुनवाई के दौरान SBI की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील हरीश साल्वे ने जानकारी देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा. सुनवाई के दौरान साल्वे ने कहा कि कोर्ट ने SBI को बॉन्ड की खरीद की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं, जिसमें खरीदारों के साथ-साथ बॉन्ड की कीमत जैसी जानकारी शामिल है.
साल्वे ने सुनवाई के दौरान कहा कि इसके अलावा राजनीतिक दलों का विवरण, पार्टियों को कितने बॉन्ड मिले यह जानकारी भी देना है, लेकिन समस्या यह है कि जानकारी को निकालने के लिए एक पूरी प्रक्रिया को उलटना पड़ेगा. SOP के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि बॉन्ड के खरीदार और बॉन्ड की जानकारी के बीच कोई संबंध ना रखा जाए. हमें यह बताया गया था कि इसे गुप्त रखना है. बॉन्ड खरीदने वाले का नाम और खरीदने की तारीख कोड की गई है, जिसे डिकोड करने में समय लगेगा.
SBI की याचिका पढ़ते हुए CJI ने कहा,' आवेदन में आपने (SBI) कहा है कि सभी जानकारी सील करके एसबीआई की मुंबई मुख्य शाखा भेज दी गई. मुख्य शाखा में भुगतान की पर्चियां भी भेजी गईं. यानी दोनों विवरण मुंबई में ही हैं. लेकिन, हमने जानकारी का मिलान करने का निर्देश नहीं दिया था. हम तो सिर्फ यह चाहते थे कि एसबीआई डोनर्स की स्पष्ट जानकारी दे.'
सीजेआई ने SBI से पूछा कि वह फैसले का अनुपालन क्यों नहीं कर रहे हैं. FAQ में भी दिखाया गया है कि हर खरीद के लिए एक अलग केवाईसी है. जस्टिस खन्ना ने कहा कि सभी विवरण सीलबंद लिफाफे में हैं और आपको (SBI) बस सीलबंद कवर खोलकर विवरण देना है.
SBI की तरफ से पेश हुए हरीश साल्वे ने कहा कि बॉन्ड खरीदने की तारीख के साथ बॉन्ड का नंबर और उसका विवरण भी देना होगा. इस पर CJI ने पूछा कि जब फैसला 15 फरवरी को सुनाया गया था और आज 11 मार्च हो गया है. अब तक फैसले का अनुपालन क्यों नहीं किया गया? सुप्रीम कोर्ट सवाल पर साल्वे ने कहा कि हम पूरी सावधानी बरत रहे हैं. ताकी गलत जानकारी देने के लिए हम पर मुकदमा ना हो जाए. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि इसमें मुकदमे की क्या बात है. आपके (SBI) पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं.
इस मामले पर 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है, जिसमें चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं.
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