तीसरे चरण के साथ आधी लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न

पप्पू फरिश्ता

Update: 2024-05-08 03:54 GMT

मोदी की गारंटी और राहुल गांधी के न्याय का दिखा जज्बा...

285 सीटों के साथ लोकसभा चुनाव का तीसरा चरण सम्पन्न हो गया है। ग़ौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को मोदी सरकार 2045 का विजऩ लेकर चुनाव लड़ रही है। जबकि कांग्रेस पार्टी पूरे लोकसभा क्षेत्र में भी अपने प्रत्याशी खड़े नहीं कर पाई और असमंजस की स्थिति में अपने एलाइंस के साथ भी कई जगह दोनों प्रत्याशी खड़े हैं जहाँ एक और विकास की यात्रा को विजऩ बनाकर मोदी सरकार चुनाव लड़ रही है दूसरी ओर हिन्दू मुसलमानों की बात कर आम मतदाताओं को डराया जा रहा है संविधान ख़तरे में संविधान बदलने की बात बतायी जा रही है जबकि दूसरी ओर ममता अपनी लड़ाई अकेले लड़ रही है शरद पवार अपने पार्टी में एक अलग लड़ाई लड़ रहे उदय ठाकरे बड़ी मुश्किल से अपने पार्टी के साथ तालमेल बनाए हुए हैं दूसरी ओर ओवैसी जैसे लोग बीफ की राजनीतिक खुलकर सामने ला रहे हैं और उन्हें डर सता रहा है कि वे 40 साल से घरेलू बनी लोक सभा क्षेत्र हैदराबाद अब पराइ न हो जाए। केरल में कांग्रेस और वामपंथी आपस में लेकर बड़ा नुकसान गठबंधन के लिए कर रहे है। जैसे कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ राज्य को मान कर चला जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी सबसे ज्यादा या संपूर्ण लोकसभा सीट इन राज्यों में जीतेगी।


असम, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर जैसे राज्य भी देश के हित में भारतीय जनता पार्टी के लहर की ओर दौड़ते दिख रहे है। जबकि तमिलनाडु में स्टालिन का अलाइंस ठीक नहीं होने से बीजेपी को रामदास की पार्टी का सम्पूर्ण सहयोग मिलने के कारन भाजपा का खाता खुलते नजर आ रहे है। कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के अधूरे घोषणा पत्र के वादे पूर्ण नहीं होने के कारण सत्ता विरोधी लहर का खतरा मंडरा रहा है। जिससे बीजेपी को नुकसान में भी फायदा नजर आ रहा है। तेलंगाना में ओवैशी के हिन्दू मुसलमान के कारण बीजेपी को पहले से लाभ की स्थिति में ला सकता है। आंध्र प्रदेश और ओडि़शा में विधानसभा चुनाव होने के कारण राज्य की सरकार की लम्बे समय से जनता के लिए बड़े कोई कार्यक्रम ठोस कार्य योजना जमीनी धंतराल पर नहीं चलने के कारण विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होने के कारण मोदी की छवि का असर देखने को मिल रहा है। और केंद्र की योजना को लागू करने के लिए दोनों राज्यों की जनता मोदी सरकार को अच्छी नजर से देख रही है। और मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया जा रहा है। इसलिए दोनों राज्य आंध्रप्रदेश और ओडि़शा में राज्य और मोदी के लिए सबसे ज्यादा -सांसद जीतना भी आसान बन पड़ा है। सभी राज्यों में राजनीतिक दलों का एजेंडा अलग-अलग है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में स्पष्ट रूप से धारा 370 राम मंदिर और यूसीसी जैसे मुद्दे प्रमुखता के साथ सफलता पूर्ण भुनाने में मददगार साबित हो रहे हैं। लगभग आधा लोकसभा सीटों पर मतदान हो गया है। वोटिंग प्रतिशत 64.58 रही। उसके बाद अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के अलग अलग पैतरे और उनके अलग अलग पेपर विज्ञापन जनता को किस ओर मोड़ते हैं लगभग पूरे भारत में मोदी लहर अंडर करंट होने का आभास होने लगा हैं। सच्चाई को आँखों से देखते हुए भी अंधे होना है यह मीडिया के लहज़े से अच्छी बात नहीं होगी। जो भी हो तस्वीर 4 जून को साफ हो जाएगी। तभी पता चलेगा सही मायने में वोटरों का रूख क्या था और परिणाम किसके पक्ष में रहा।

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