न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार में जनसुराज अभियान चला रहे हैं. महात्मा गांधी की जयंती पर उन्होंने कहा कि देश के सबसे गरीब और पिछड़े राज्य बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का दृढ़ संकल्प है. बेहतर और विकसित बिहार के लिए जनसुराज.
प्रशांत किशोर ने अपने जनसुराज अभियान की शुरुआत वैशाली से की थी. उन्होंने यात्रा शुरू करने से पहले कहा था कि नई राजनीतिक व्यवस्था के आंदोलन के लिए लोकतंत्र की भूमि वैशाली से बेहतर कोई जगह नहीं है. आज गांधी जयंती के मौके पर उन्होंने ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने कहा कि वो अगले 12-15 महीनों में बिहार के गांव और शहरों में करीब 3500 किमी की यात्रा करेंगे.
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा, 'देश के सबसे गरीब और पिछड़े राज्य #बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का दृढ़ संकल्प. पहला महत्वपूर्ण कदम - समाज की मदद से एक नयी और बेहतर राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए अगले 12-15 महीनों में बिहार के शहरों, गांवों और कस्बों में 3500KM की पदयात्रा. बेहतर और विकसित बिहार के लिए #जनसुराज.'
जनसुराज यात्रा की शुरुआत करने से पहले पीके ने कहा था कि इस यात्रा में समाज के अलग-अलग लोगों से मिलने का मिशन है. इस दौरान बिहार को सुधारने के लिए अगले 15 साल का ब्लू प्रिंट तैयार कर जनता के सामने रखा जाएगा. इसके साथ ही नया राजनीतिक विकल्प तैयार किया जाएगा. उन्होंने लालू यादव को समाजिक न्याय का मसीहा और नीतीश के विकास मॉडल की सराहना तो की. लेकिन बिहार की बदहाली के लिए लालू और नीतीश की नाकामियां भी गिनाईं थी.
प्रशांत किशोर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं. नीतीश के साथ मतभेद के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद ऐसी अटकलें थीं कि वो कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने ट्वीट कर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया था. उन्होंने एक और ट्वीट किया था जिसमें कहा था कि लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने की मेरी उतार चढ़ाव भरी यात्रा रही है. उन्होंने आगे लिखा, ''अब मुद्दों और जन सुराज के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए 'रियल मास्टर' यानी जनता के पास जाने का समय आ गया है. शुरुआत बिहार से.''