सरपंच का चुनाव: नौजवान ने किया कमाल, जीत हासिल की

21 वर्षीय एक कॉलेज छात्र को ग्राम पंचायत का सरपंच चुना गया.

Update: 2022-12-21 06:13 GMT

न्यूज़ क्रेडिट:आजतक 

नई दिल्ली: 21 वर्षीय एक कॉलेज छात्र को महाराष्ट्र के लातूर जिले की अहमदपुर तहसील में शिंदगी-खुर्द और मंगदारी समूह ग्राम पंचायत का सरपंच चुना गया. अधिकारियों ने ये जानकारी दी है. विजयी प्रत्याशी संगमेश्वर सोदगीर बीए तृतीय वर्ष का छात्र है. मुकाबला श्रीहरि तुलशीराम सोदगीर के नेतृत्व वाले श्रीराम ग्राम विकास पैनल और माधवराव देवकते के नेतृत्व वाले श्रीराम संघर्ष पैनल के बीच था, दोनों क्षेत्र के विभिन्न भाजपा गुटों से संबंधित थे.
सोदगीर के नेतृत्व में ग्राम विकास पैनल जीता और संगमेश्वर सोदगीर सरपंच चुने गए. वहीं, अहमदपुर तहसील के किनगांव गांव की 62 वर्षीय महिला को सरपंच चुना गया है. विठ्ठलराव बोडके के नेतृत्व में किनगांव परिवर्तन विकास अघाड़ी पैनल जीता. सरपंच पद के लिए सुमित्राबाई एकनाथराव वाहुले विजयी उम्मीदवार थीं.
इससे पहले नवंबर में हरियाणा के खुडाना गांव से 21 साल की मेडिकल स्टूडेंट को नया सरपंच चुना गया था. बीएएमएस (मेडिकल कोर्स) फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट अंजू चुनाव में खड़ी हुई थीं. उनको लोगों ने दिल खोल कर वोट दिया और अंजू अपने जिले की सबसे कम उम्र की सरपंच बन गई हैं. इस बार के चुनाव में खुडाना गांव के सरपंच की सीट महिला के लिए आरक्षित थी.
गांव के ही डॉ. नरेश सिंह की बेटी अंजू तंवर को चुनाव लड़ाने का फैसला किया गया. दो नवंबर को सरपंच पद के लिए वोटिंग हुई. अंजू को 1,300 वोट मिले. उसकी प्रतिद्वंदी को 1,052 वोट मिले थे. चुनाव जीतकर अंजू ने नया कीर्तिमान रच दिया. 21 साल एक महीना 18 दिन की उम्र में अंजू अपने जिले में सबसे कम उम्र की सरपंच बनी हैं.
महेंद्रगढ़ जिले के राजपूत बाहुल्य खुडाना गांव की आबादी 10 हजार है. वोटर्स की संख्या चार हजार है. कुछ 3,600 वोट चुनाव के दौरान डाले गए थे, जिसमें से सबसे ज्यादा 1,300 वोट अंजू तंवर को मिले थे.
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