नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का साल है। केंद्र सरकार के द्वारा कई लोकलुभावन घोषणाओं के कयास लगाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने 8वां वेतन आयोग पर स्टैंड क्लियर करने के बाद पेंशन की न्यूनतम राशि बढ़ाने की संभावनाओं पर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि पेंशन/परिवार पेंशन की न्यूनतम राशि को बढ़ाने से संबंधित एक सवाल का लिखित उत्तर दिया है।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के तहत पेंशन/परिवार पेंशन की न्यूनतम राशि 9000 रूपये है।
जितेन्द्र सिंह ने आगे बताया कि अभी 44,81,245 पेंशनधारक थे जिसमें 20,93,462 परिवार पेंशनधारक शामिल हैं और वर्ष 2022-23 में इन पर सरकार का 2,41,777 करोड़ रूपये व्यय हुआ है। उन्होंने बताया, '' पेंशन/परिवार पेंशन की न्यूनतम राशि को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।''
अकसर चर्चा उठती है कि सरकार 8वां वेतन आयोग कब ला रही है। इस पर हाल ही में मॉनसून सत्र के दौरान मोदी सरकार के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में स्थिति साफ कर दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए फिलहाल 8वां वेतन आयोग लाने का कोई प्लान नहीं है। आमतौर पर 10 साल में एक वेतन आयोग आता रहा है, लेकिन मोदी सरकार इस परंपरा को बदलने पर विचार कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम सैलरी स्ट्रक्चर में कोई भी बदलाव 10 साल की लिमिट से पहले करने पर विचार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों की पे मैट्रिक्स की समीक्षा और उसमें संशोधन के लिए कोई नई व्यवस्था तैयार होनी चाहिए, जिस पर काम कर रहे हैं। दरअसल केंद्र सरकार की ओर से कई बार यह कहा जा चुका है कि हम परफॉर्मेंस आधारित व्यवस्था लाना चाहते हैं ताकि कर्मचारियों को उनके कामकाज के आधार पर रेटिंग मिले और फिर उस हिसाब से ही सैलरी में इजाफा किया जाए।