पेगासस मुद्दे को लेकर EGI ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख, बोले- 'क्या सत्ताधारी सरकार संविधान के तहत अपने अधिकार की सीमाओं का कर रही उल्लंघन'
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है,
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और राजनेताओं की निगरानी करने के मामले में एसआईटी (SIT) जांच की मांग की गई. याचिका में ईजीआई ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा पत्रकारों की रिपोर्टिंग में गैर-हस्तक्षेप है. इसमें स्रोतों के साथ सुरक्षित और गोपनीय रूप से बोलने, सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की जांच करने, सरकारी अक्षमता को उजागर करने और विरोध करने वालों के साथ बोलने की उनकी क्षमता शामिल है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) की याचिका में यह भी मांग की गई है कि निगरानी के लिए स्पाइवेयर लगाने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ किए गए अनुबंधों और उन लोगों के खिलाफ केंद्र सरकार को निर्देश जारी किया जाए, जिनके खिलाफ इस तरह के स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने कहा कि भारत के नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि क्या सत्ताधारी सरकार संविधान के तहत अपने अधिकार की सीमाओं का उल्लंघन कर रही है.
"सार्वजनिक बहस से परहेज कर रही सरकार"
उन्होंने याचिका में कहा कि जनता को जानने का पूरा अधिकार है कि उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से जवाबदेही लेने और संवैधानिक सीमाओं को लागू करने के सभी प्रयास किए गए हैं. सरकार इस मुद्दे पर सार्वजनिक बहस से परहेज कर रही है. इसके कारण उन्हें मजबूरन कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है.
पेगासस को लेकर कई लोगों ने दायर की याचिका
भारत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ 5 अगस्त को विवाद की न्यायिक जांच की मांग पर विचार करेगी. पेगासस सूची में शामिल होने वाले 5 पत्रकारों ने भी इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्र याचिका दायर की है. राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास और एडवोकेट एमएल शर्मा ने भी इसी तरह की मांगों के साथ जनहित याचिका दायर की है.
पेगासस विवाद 18 जुलाई को द वायर और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों द्वारा मोबाइल नंबरों के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद शुरू हुआ, जो भारत सहित विभिन्न सरकारों को एनएसओ कंपनी द्वारा दी गई स्पाइवेयर सेवा के संभावित लक्ष्य थे. 40 भारतीय पत्रकार, राहुल गांधी जैसे राजनीतिक नेता, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पूर्व ईसीआई सदस्य अशोक लवासा आदि के निशाने पर होने की सूचना है.