इंटरनेशनल बॉर्डर के पास भारतीय क्षेत्रों में रिहाइश बढ़ाने का प्रयास: अजय भट्ट
नई दिल्ली (आईएएनएस)| इंटरनेशनल बॉर्डर के निकट भारतीय क्षेत्रों के बॉर्डर एरिया में रिहाइश बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार प्रयास कर रही है। केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आईएएनएस को एक विशेष बातचीत में ये बात बताई। साथ ही उन्होंने बताया कि आपदा से जूझ रहे उत्तराखंड के जोशीमठ में जल, विद्युत समेत अन्य तमाम गतिविधियां रोक दी गई हैं। इसके अलावा उन्होंने भारतीय सेना के आधुनिकरण, अग्निवीर योजना, इंटरनेशनल बॉर्डर के निकट पर्यटन के विकास समेत कई राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर बात की है।
पेश है बातचीत के कुछ अंश।
आईएएनएस : इंटरनेशनल बॉर्डर के निकट लोगों को बसाने, बॉर्डर टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म को लेकर क्या किया जा रहा है?
अजय भट्ट : बॉर्डर टूरिज्म के लिए हम बहुत जोर दे रहे हैं। प्रयास है कि हमारे बॉर्डर के निकट भारतीय क्षेत्रों में हमारे लोग रहना शुरू करें, बॉर्डर एरिया में रिहाइश हो। बद्रीनाथ से आगे इंटरनेशनल बॉर्डर के पास स्थित भारत के पहले गांव 'माणा' में स्वयं प्रधानमंत्री मोदी गए थे। इसी तरह की की पहल उत्तर पूर्वी राज्यों से लगे इंटरनेशनल बॉर्डर के पास भी की गई है। नार्थ ईस्ट में बॉर्डर एरिया के निकट टूरिज्म का अब बहुत अच्छा स्कोप भी बनने लगा है। बॉर्डर एरिया में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुछ योजनाएं बन रही है और कुछ शुरू हो चुकी हैं। क्लाइंबिंग, बफीर्ली चोटियों पर चढ़ना, रिवर राफ्टिंग और यहां स्पोर्ट्स का भी आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। पर्यटन के क्षेत्र में खासतौर पर सहासिक, एडवेंचरस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना भी काफी कदम उठा रही है। लेह लद्दाख में ऐसे कई टूर कराए गए हैं। उत्तराखंड में भी ऐसे इवेंट कराए जाएंगे। इनसे यूथ सेना के लिए और भी मोटिवेटेड होगा।
आईएएनएस : जोशीमठ में जमीन के दरकने से सैकड़ों घरों, होटलों व अन्य प्रतिष्ठानों में दरारें पड़ गई हैं। इस स्थिति के उपरांत वहां क्या हालात हैं?
अजय भट्ट : जोशीमठ में तमाम गतिविधियां रोक दी गई है। जैसे रोपवे, जल, विद्युत के लिए काम करने कंपनियों के काम रोक दिए गए हैं। अन्य प्रकार के काम भी रोक दिए गए हैं। स्थिति ऐसे मामले थोड़ी गंभीर तो रहती ही है, भय भी रहता है। केंद्र सरकार इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रही है। राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से लोगों को शिफ्ट कर दिया है। उनकी सारी व्यवस्थाएं की गई है जिसमें भोजन, जल, दवा, डॉक्टर सभी सुविधाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इस विषय में बैठक ली है और कई बड़े फैसले लिए हैं। हमारा पहला कर्तव्य है हम हर हाल में वहां प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं।
आईएएनए : जोशीमठ की घटना को लेकर सरकार के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
अजय भट्ट : भूगर्भ शास्त्री जोशीमठ में घटनास्थल पर गए हैं। भूगर्भ शास्त्रियों ने बीते 2 दिनों में लगातार क्षेत्र में सर्वे किया है। उनकी रिपोर्ट जल्द आने वाली है। स्थानीय लोग भी उनके साथ मुलाकात कर रहे हैं। आपदा आने पर इस प्रकार की चुनौतियां सामने आती है, क्योंकि सबसे बढ़कर बात है कि लोगों को स्थानांतरित करना है और सर्दियों के दिन हैं।
आईएएनएस : गणतंत्र दिवस परेड होने वाली है, राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया है। आप कर्तव्य पथ पर व्यवस्थाएं देखने गए थे?
अजय भट्ट : कर्तव्य पथ पर पहली बार देश की परेड होगी। प्रधानमंत्री जी ने यह एक ऐतिहासिक काम किया है कि इस मार्ग का नाम कर्तव्य पथ रखा। मैं यहां निरीक्षण करने गया था क्योंकि हमारा विभाग ही सारी व्यवस्थाएं देखता है। सेना के सारे साजो समान यहां दिखाए जाएंगे। सभी कार्यक्रम जितने होते हैं, नए नाम वाले 'कर्तव्य पथ' पर दिखाएं जाएंगे।
आईएएनएस : आजादी के 75 वर्ष पूरे हुए हैं और भारत इस बार जी-20 देशों की अध्यक्षता भी कर रहा है, ऐसे में क्या आपको लगता है कि इसका उत्साह गणतंत्र दिवस समारोह में देखने को मिलेगा?
अजय भट्ट : भारी उत्साह है। आप देखेंगे इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में लोगों का ऐतिहासिक आगमन रहेगा। लोग इस समय उत्साह से भरे हुए हैं। जैसे ही हमने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए आमंत्रण पोर्टल की शुरूआत की, लोगों ने पूरे देश भर से भारी संख्या में गणतंत्र दिवस समारोह में पहुंचने के लिए अपना पंजीकरण कराना शुरू कर दिया है।
आईएएनएस : अग्निवीर भर्तियों का जल, थल और नौसेना पर क्या प्रभाव पड़ेगा। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों से बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती होते हैं, अग्निवीर योजना के उपरांत इन युवाओं के पास क्या अवसर उपलब्ध हैं?
अजय भट्ट : सबसे ज्यादा प्रभाव यह होगा कि हमारी सेना एक टेक्नोलॉजी ओरिएंटेड युवा सेना हो जायेगी। अग्निवीर सेवा समाप्त होने के बाद भी युवाओं के पास कई अच्छे विकल्प रहेंगे। अग्निवीर प्रणाली के बारे में पहले ही काफी बताया जा चुका है, अग्निवीर कोटा के तहत सैन्य सेवा के उपरांत भी नौकरी मिलने में इन युवाओं को प्राथमिकता मिलेगी। साथ ही अगर वह चाहें तो अपना काम भी शुरू कर सकेंगे।
आईएएनएस : भारतीय सेना के आधुनिकरण के लिए कौन कौन सी विशेष पहल की जा रही है?
अजय भट्ट : भारतीय सेना में आधुनिकीकरण परस्पर है। नए हथियार सेना में शामिल हो रहे हैं, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी पर भी काफी जोर दिया गया है। सेना की ट्रेनिंग में भी काफी बदलाव आया है।
आईएएनएस : क्या सरकार ने कोई ऐसे पर्यटन के क्षेत्र के चयनित किए हैं जिन्हें वल्र्ड टूरिज्म के तौर पर विकसित किया जाएगा?
अजय भट्ट : देखिए सबसे बड़ी बात यह है कि अब अपनी हम चीजों को हाईलाइट कर रहे हैं। जिस गति से पहले टूरिस्ट क्षेत्रों को हाइलाइट किया जाना चाहिए था वह नहीं किया गया। सरस्वती नदी का उद्गम स्थल भी अपने आप में दर्शनीय स्थल है। इसके अलावा स्वगार्रोहिणी भी ऐसा ही एक महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे यहां पर गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ के मार्गों पर गरम पानी के स्रोत हैं। यदि यहां आप कपड़े में चावल या आलू डालेंगे तो वह उबल कर बाहर आ जाते हैं। इसके अलावा सतोपंथ भी एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थान है जोकि बद्रीनाथ से आगे है।