सीएम की फटकार का असर, प्रशासन ने उठाया ये कदम

Update: 2022-09-10 03:26 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में उजागर हुए यूरिया घोटाले पर सीएम शिवराज सिंह चौहान की फटकार के बाद प्रशासन एक्शन में आ गया. फुर्ती ऐसी दिखाई कि जांच टीमों ने छापेमारी की कार्रवाई शुरू की और गायब हुए 1 हजार 20 टन यूरिया में से 130 मीट्रिक टन यूरिया ढूंढ भी निकाला.
जानकारी के मुताबिक, प्रशासन की इस छापेमारी की कार्रवाई में जबलपुर के खजरी खिरिया बाइपास स्थित गायत्री वेयरहाउस और पाटन रोड स्थित डीपीएमके वेयरहाउस में सरकारी यूरिया के स्टॉक का एक हिस्सा मिल गया. गायब हुए बाकी यूरिया के भी सिवनी, छिंदवाड़ा और आस-पास के जिलों के निजी वेयरहाउस में होने का अंदेशा जताया जा रहा है.
यूरिया मिलने के बाद प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई है. कलेक्टर के निर्देश पर जिला विपणन अधिकारी ने लार्डगंज पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. कृषक भारती को-ऑपरेटिव संस्था के मार्केटिंग डायरेक्टर राजेन्द्र चौधरी, डीपीएमके फर्टिलाइजर के ट्रांसपोर्टर द्वारका गुप्ता और रैक हैंडलर के स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. लार्डगंज थाना पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम और आपराधिक षडयंत्र की धाराओं में अपराध दर्ज किया है.
गौरतलब है कि किसानों को यूरिया उपलब्ध करवाने के लिए जबलपुर में केन्द्र सरकार से 2 हजार 666 टन यूरिया आवंटित हुआ था. नियमों के मुताबिक, इसका 70 फीसदी हिस्सा सरकारी एजेंसियों और 30 फीसदी हिस्सा ओपन मार्केट में बिक्री के लिए व्यापारियों को दिया जाना था. लेकिन ये काम संभाल रही एजेंसी कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड ने ये सरकारी यूरिया मंडला, बालाघाट, सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों तक पहुंचाने के बजाय रास्ते में ही गायब करके निजी वेयरहाउसों में पहुंचा दिया. 1020 मीट्रिक टन सरकारी यूरिया गायब होने पर मचे बवाल के बीच शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर संभागायुक्त के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
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