ED के ज्‍वाइंट डायरेक्‍टर राजेश्‍वर सिंह ने भी चुनी सियासी राह, BJP से चुनाव लड़ने की चर्चाएं

Update: 2022-02-01 03:50 GMT

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की अपील मंजूर हो गई है. राजेश्वर सिंह ने ट्विटर पर इस बारे में लिखा है. उनके ट्वीट के बाद चर्चा है कि वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं.

राजेश्वर सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि 24 वर्षों का यह कारवां आज एक पड़ाव पर रुक गया है. मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह तथा वित्त मंत्री सीतारमण, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ईडी के डायरेक्टर एसके मिश्रा तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि इतने वर्षों तक इन संस्थाओं के साथ कार्य करते हुए काफी कुछ सीखने को मिला. मैं आप सभी महानुभावों एवं संस्थाओं को यह विश्वास दिलाता हूं कि आपकी दी हुई शिक्षा का सदुपयोग मैं जनता की सेवा व देश की अखंडता सुरक्षित करने में लगाऊंगा.
राजेश्वर सिंह फोन पर बातचीत में कहा कि आज ही (31 जनवरी) VRS स्वीकार हुआ है, आगे की क्या रणनीति है, इस पर बाद में बात करूंगा. ED में ज्वाइंट डायरेक्टर के पद से VRS लेकर जल्द राजनीति पारी की शुरुआत करने वाले राजेश्वर सिंह 1996 बैच के PPS अधिकारी हैं. राजेश्वर उत्तर प्रदेश पुलिस में डिप्टी एसपी रैंक के पद पर तैनात रह चुके हैं. उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर भी जाना जाता था. 2009 में इनकी तैनाती ईडी में हुई जहां कई बड़े केस को राजेश्वर सिंह ने हैंडल किया.
राजेश्वर सिंह ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश पुलिस की सेवा में 10 साल और वरिष्ठ पदों पर प्रवर्तन निदेशालय में लगभग 14 साल बाद "हैंग अप माय बूट्स" कर रहा हूं, जबकि मेरे पास सेवानिवृत्ति के लिए अभी भी 11 साल हैं. मैं लगातार बड़े पैमाने पर जनता की सेवा की भावना और दिल से राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पण महसूस कर रहा था, जिसे आगे बढ़ाने का सही माध्यम मुझे लगता है कि राजनीति है.
24 वर्षों का यह कारवां आज एक पड़ाव पर रुका, इस अवसर पर आज मैं भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री @narendramodi जी, गृह मंत्री श्री @AmitShah जी तथा वित्त मंत्री श्रीमती @nsitharaman जी, मुख्य्मंत्री श्री @myogiadityanath जी, श्री S K Mishra, निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय 1/3 pic.twitter.com/
Fk7RLHoqxz


उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के मूल निवासी राजेश्वर सिंह धनबाद में इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स से डिग्री इंजीनियर हैं. उनके पास कानून और मानवाधिकार की डिग्री भी है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस में मेरे कार्यकाल के दौरान मेरा प्रयास रहा है कि महिलाओं, बच्चों और पीड़ितों को त्वरित न्याय मिले. मैंने हमेशा कोशिश की कि पुलिस पर उनका भरोसा मजबूत बना रहे. चाहे वह क्रूर अपराधियों की गिरफ्तारी और मुठभेड़ हो, राज्य में तत्कालीन फलते-फूलते अपहरण उद्योग को नष्ट करते हुए मासूम बच्चों और युवाओं को बचाना हो, या पुलिस के साथ तकनीक को जोड़ना हो, मेरा उद्देश्य हर दिन कुछ नया और अच्छा करना है और इसके लिए मुझे लोगों का अपार प्यार और सम्मान मिला. मैं इसके लिए तहे दिल से आभारी हूं.
राजेश्वर सिंह ने वर्ष 2007 से प्रवर्तन निदेशालय में अपनी प्रतिनियुक्ति शुरू की. तब से उन्होंने राष्ट्रीय प्रभाव और सार्वजनिक महत्व के कई घोटालों की जांच की है. इसमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी योजना घोटाला, गोमती रिवरफ्रंट घोटाला जैसे हाई प्रोफाइल मामलों की जांच शामिल हैं. इन मामलों में कई सफेदपोश अपराधियों को जेल भेजा गया था. प्रवर्तन निदेशालय के साथ काम करते हुए पीएमएलए एक्ट के तहत उन्होंने 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति की कुर्की की.
राजेश्वर सिंह ने कहा कि मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि बेईमान भ्रष्ट नेताओं से विभिन्न धमकियों और दबाव की रणनीति के बावजूद बिना झुके अपना काम करने के मेरे साहस की बार-बार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सराहना की गई है. सरकारी सेवा के दौरान मैंने निर्वाचित प्रतिनिधियों की जमीनी हकीकत और जन आकांक्षाओं का भी अनुभव किया. राजेश्वर सिंह ने यह भी कहा कि वह राजनीति में उतरना चाहते हैं.


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