ED का बड़ा एक्शन: NSG के पूर्व अधिकारी के 45 करोड़ रुपए की सम्पत्ति किया कुर्क

जानिए क्या है पूरा मामला

Update: 2023-06-17 13:16 GMT
गुरुग्राम। हरियाणा के गुरुग्राम के मानेसर में 'ब्लैक कैट' कमांडो फोर्स की छावनी में निर्माण कार्य के लिए जारी टेंडर दस्तावेजों में कथित फर्जीवाड़ा से जुड़े एक मामले में एनएसजी के एक पूर्व अधिकारी और उसके परिवार के सदस्यों की 45 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को यह जानकारी दी। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि प्रवीण यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ धनशोधन रोधी कानून के तहत कुल 45.20 करोड़ रुपये मूल्य की बावन चल और अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। बयान में कहा गया है कि यादव सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से प्रतिनियुक्ति पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) में शामिल हुए थे और उन्हें दिल्ली के पास गुरुग्राम के मानेसर स्थित कमांडो बल की छावनी में टीम कमांडर (डिप्टी कमांडेंट रैंक के समकक्ष) के रूप में तैनात किया गया था। एनएसजी के ठेके देने के नाम पर कथित धोखाधड़ी पिछले साल जनवरी में तब सामने आई, जब गुरुग्राम पुलिस ने कथित तौर पर खुद को कमांडो फोर्स में कार्यरत आईपीएस अधिकारी बताने वाले एनएसजी अधिकारी को गिरफ्तार करने के साथ ही उसकी पत्नी ममता यादव, बहन रितुराज और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने कहा कि रितुराज गुरुग्राम में एक्सिस बैंक की सेक्टर 84 शाखा में प्रबंधक के रूप में काम कर रही थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कुल पांच प्राथमिकी दर्ज की, जिनमें दिनेश मोहन सोरखी, कमल सिंह, कोशिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, नवीन खटोदिया, एक्सिस बैंक और अज्ञात व्यक्ति शामिल थे। एजेंसी ने कहा कि जांच में पाया गया कि प्रवीण यादव ने एक्सिस बैंक, गुरुग्राम में सेंट्रल वेयरहाउस एनएसजी, मानेसर के लिए ईएमडी के नाम पर एक "फर्जी" बैंक खाता खोला और सभी शिकायतकर्ताओं (इच्छुक ठेकेदारों) को फर्जी दस्तावेज दिए तथा इन्हें एनएसजी परिसर में काम के लिए आगामी निविदाओं के लिए बल द्वारा जारी दस्तावेज के तौर पर पेश किया। ईडी ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्रीय गोदाम एनएसजी मानेसर के लिए ईएमडी के नाम पर बैंक खाते सहित प्रवीण यादव द्वारा बनाए गए विभिन्न खातों के माध्यम से, उन्होंने शिकायतकर्ताओं से धोखाधड़ी से धन प्राप्त किया और उन्हें धोखा दिया।'' यह धनराशि या तो विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से ‘‘व्यवस्थित'' की गई या इसका निवेश ट्रेडिंग खातों में किया गया या ममता यादव, रितुराज यादव, नवीन और दिनेश कुमार की मदद से चल और अचल संपत्तियों की खरीद के लिए भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया गया। ईडी ने कहा कि यह पाया गया है कि आरोपियों ने धन का इस्तेमाल जमीन और महंगी कार की खरीद के लिए किया।
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