ईडी ने नामी बिल्डर सुरेंद्र संघवी और उसके बेटे को हिरासत में लिया

जानिए क्या है

Update: 2023-05-11 17:18 GMT
इंदौर। इंदौर में ईडी की सुबह बिल्डर सुरेंद्र संघवी, दीपक मद्दा और बिल्डर मनीष शाहरा के यहां हुई दबिश में बड़ी खबर आ रही है। ईडी ने सुरेंद्र संघवी के साथ ही उसके बेटे प्रतीक संघवी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। यह पूरा मामला प्रदेश के सबसे बड़े जमीन घोटाले से जुड़े हुए हैं, जिसमें संघवी, मद्दा ने मिलकर ढाई हजार करोड़ से ज्यादा की जमीनों पर अपने हिसाब से खेल कराए हैं। मद्दा पहले से ही कल्पतरू जमीन घोटाले में जेल में हैं। उधर मनीष शाहरा भी मुश्किल में हैं, उन्होने मद्दा के साथ त्रिशला सोसायटी में एक जमीन का सौदा किया था। साथ ही संघवी से भी उनके कारोबारी संबंध रहे हैं और लेन-देन हुआ है। ईडी ने उनके दफ्तर जाकर भी दस्तावेज और जानकारी है और वह भी राडार पर है।
सुरेंद्र संघवी और प्रतीक संघवी के साथ ही मद्दा व 18 आरोपियों पर जिला प्रशासन ने फरवरी 2021 के दौरान भूमाफिया अभियान में केस दर्ज कराया था। सिम्पलेक्स कंपनी जिसमें प्रतीक, मुकेश खत्री और मद्दा तीनों डायरेक्टर थे, इन्होंने अयोध्यापुरी की चार एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसमें चार करोड़ में सौदा किया और केवल 1.80 करोड़ का भुगतान किया वह भी एक अन्य भूमाफिया की संस्था की बैंक में। धारा- 406, 420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत एमआईजी थाने में हुई एफआईआर में आरोपी- रणवीर सिंह सूदन, विमल लुहाडिया, पुष्पेंद्र नीमा, दिलीप सिसौदिया, दिलीप जैन, मुकेश खत्री, प्रतीक सुरेंद्र संघवी और सुरेंद्र संघवी है। वहीं एख अन्य एफआईआर जो फरियादी पीड़ित संजय सिरोलिया द्वारा कराई गई, इसमें धारा- 406, 420, 467, 468, 471 और 120 बी आरोपी- विमल लुहाड़िया, पुष्पेंद्र नीमा, दिलीप सिसौदिया, रणवीर सिंह सूदन, दिलीप जैन, मुकेश खत्री प्रतीक व सुरेंद्र संघवी है।
इसी अभियान के दौरान मद्दा पर कुछ छह एफआईआर हुई इसमें चार खजराना थाने में दो एमआईजी थाने में। खजराना थाने में पुष्पविहार की जमीन का घोटाला था। इसमें कई अन्य आरोपी थे। उधर सातवीं एफआईआर गृह विभाग का रासुका निरस्ती का फर्जी पत्र बनाने का था और आठवीं एफआईआर में कल्पतरू सोसायटी का नाम सामने आया। इसमें करीब पांच करोड़ की राशि मद्दा ने संस्था से अपने दो निजी खातों में शिफ्ट की है। इसमें भी मनी ट्रैल सामने है। इस छापे से कई बिल्डर से लेकर ब्यूरोक्रेट की सांसें अटक गई है। संघवी यानि इंदौर की आधी बिल्डर लॉबी का उनसे किसी ना किसी तरह का लेन-देन रहता ही है। वहीं भोपाल के कई बड़े ब्यूरोक्रेट के साथ उनका उठना बैठना है और उनका लेन-देन संघवी से जुड़ा है। यहां तक कि कई नेताओं को भी संघवी की ओर से फंडिंग होती रही है। ऐसे में ईडी की मनी ट्रैल पकड़ने के दौरान कई बड़े लोग इस जांच में घिर सकते हैं।
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