रांची (आईएएनएस)| कोयला कारोबार में बड़े पैमाने पर नाजायज वसूली और मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ, झारखंड और कर्नाटक में एक साथ एक दर्जन से भी ज्यादा जगहों पर छापामारी की है। छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, झारखंड के रांची, जमशेदपुर और कर्नाटक के बेंगलूरू में यह छापेमारी चल रही है।
इससे पूर्व ईडी ने 12 अक्टूबर को कोयला घोटाला मामले में छत्तीसगढ के रायगढ़ के जिला कलेक्टर के आवास सहित 40 स्थानों पर तलाशी ली थी। ईडी ने दावा किया है कि कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने अधिकारियों की मदद से 500 करोड़ रुपए की अवैध कोयला लेवी जुटाई है और इस अवैध पैसे का इस्तेमाल चुनावी फंडिंग और अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया गया। बताया जा रहा है कि कोयले की ट्रांसपोटिर्ंग में प्रति टन 25 रुपए का अवैध लेवी लगाया गया था। लेवी वसूली में प्रशासन के लोग भी मददगार रहे। कोयला खदानों में एजेंटों का नेटवर्क बनाया गया था, जो लेवी वसूल रहा था।
इस मामले में ईडी ने आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, व्यवसायी सुनील अग्रवाल और फरार व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को रिमांड पर लिया था। ईडी का दावा है कि पैसे का इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने और चुनावी फंडिंग के लिए किया जा रहा था। आईएएस समीर विश्नोई ने कोयला ट्रांसपोटिर्ंग परमिट प्राप्त करने की पुरानी ऑनलाइन प्रक्रिया को बदलकर मैन्युअल किया, ताकि अवैध वसूली की जा सके।
कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के एक रिश्तेदार रजनीकांत तिवारी के आवास पर छापेमारी के दौरान एक डायरी मिली, जिसमें उल्लेख किया गया था कि 9 मार्च 2022 को रोशन कुमार सिंह के माध्यम से विश्नोई के नाम पर 50 लाख जमा किए गए थे।
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