सहकारिता बैंक धोखाधड़ी मामले में ED ने NCP नेता समेत चार लोगों को किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पुणे के सहकारिता बैंक में 71 करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित धोखाधड़ी

Update: 2021-03-08 17:39 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पुणे के सहकारिता बैंक में 71 करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित धोखाधड़ी से संबंधित जांच में धनशोधन के आरोप में राकांपा के एक नेता व उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया है.ईडी ने सोमवार को बताया कि पुणे के शिवाजीराव सहकारिता बैंक के मुख्य प्रवर्तक-निदेशक तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पूर्व एमएलसी अनिल शिवाजीराव भोसले को गिरफ्तार किया गया है. वह मामले में मुख्य आरोपी हैं. इसी के साथ बैंक के निदेशक सूर्यजी पांडुरंग जाधव, मुख्य कार्यकारी अधिकारी तानाजी दत्तू पडवाल और शैलेश भोसले नाम के शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है.

ईडी ने बताया कि उन्हें धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पुणे की यरवदा जेल से छह मार्च को गिरफ्तार किया गया है, जहां वे धोखाधड़ी मामले में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। इस मामले में धोखाधड़ी की तफ्तीश स्थानीय पुलिस भी कर रही है.केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उन्हें हिरासत में लेने के लिए उन्हें मुंबई की पीएमएलए अदालत में पेश किया गया जिसने चारों आरोपियों को 11 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. ईडी ने आरोपियों के खिलाफ पुणे पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर अनिल भोसले और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था जिसके बाद जनवरी में एजेंसी ने पुणे के आसपास छापेमारी की थी.
एजेंसी ने पुलिस की प्राथमिकी के हवाले से कहा कि अप्रैल 2019 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ऑडिट के बाद बैंक में कथित अनियमितता का पता चला. यह भी पता चला कि बैंक कि नकद पुस्तिका में 71.78 करोड़ रुपये की प्रविष्टि बैंक के पुणे स्थित मुख्यालय में लंबित है.
बयान में आरोप लगाया गया है कि अनिल भोसले ने अपने पद का दुरुपयोग किया और अन्य आरोपियों के साथ साजिश करके निजी लाभ के लिए बैंक और उसकी शाखाओं के पैसे का गबन किया.


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