शारदा घोटाले में ईडी फिर हुई सक्रिय, पूर्व निदेशक के बैंक खाते फ्रीज

Update: 2022-11-20 09:47 GMT
कोलकाता (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शारदा चिट फंड घोटाले में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अपनी जांच शुरू किए जाने के लगभग आठ साल बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक बार फिर सक्रिय हो गई है। ईडी ने शारदा समूह के पूर्व निदेशक के दो बैंक खातों को सील कर दिया है, जो एक सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी (आईपीएस) भी हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस के सेवानिवृत्त महानिदेशक रजत मजूमदार, जो बाद में शारदा समूह के वाइस चेयरमैन बने, तृणमूल कांग्रेस के राज्य उपाध्यक्ष के रूप में भी सक्रिय राजनीति में शामिल हुए थे।
सितंबर 2014 में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मजूमदार को 2,000 करोड़ रुपये के शारदा पोंजी घोटाले में एजेंसी की चल रही जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया।
ईडी के सूत्रों ने बताया कि मजूमदार से शनिवार देर रात तक दो चरणों में एजेंसी के साल्ट लेक कार्यालय में भी पूछताछ की गई। इस संबंध में उनके बयान भी दर्ज किए गए।
सूत्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में ईडी अन्य प्रभावशाली लोगों को भी तलब कर सकती है, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे इस घोटाले के लाभार्थी हैं।
अब, घोटाले में ईडी की नए सिरे से गतिविधि ने राज्य के राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है।
कुछ राजनीतिक सलाहकार शारदा मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की हालिया टिप्पणी को नई गतिविधियों का कारण बता रहे हैं।
18 नवंबर को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही एजेंसी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के प्रमुख के रूप में सीबीआई के उप महानिरीक्षक अश्विन शेणवी के नाम को अंतिम रूप देते हुए, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने टिप्पणी की थी कि वह नहीं चाहते कि इस जांच का हश्र शारदा घोटाले जैसा हो।
मामले में ईडी की नए सिरे से गतिविधि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के उन टिप्पणियों के 24 घंटे बाद शुरू हुई।
वर्तमान में, शारदा समूह के संस्थापक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुदीप्तो सेन और उनके करीबी सहयोगी देबजानी मुखर्जी, दोनों इस समय सीबीआई की हिरासत में हैं।
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